नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट के फैसले से अयोध्या में राम मंदिर निर्माण की मंजूरी मिलने के बाद विश्व हिंदू परिषद (विहिप) की मदद से राम जन्मभूमि न्यास शीघ्र अपना निर्माण कार्य शुरू करेगा। राम मंदिर निर्माण की अपनी परिकल्पना में विहिप ने हालांकि वर्षों से इसके लिए अनेक नक्शों पर विचार किया, लेकिन अंतिम रूप से एक नक्शा तैयार किया गया जोकि सबसे ज्यादा मान्य है और अनेक लोग इसे राम मंदिर के मूल स्वरूप की प्रतिकृति मानते हैं। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
अयोध्या में भव्य राम मंदिर निर्माण के लिए हालांकि द्वार और स्तंभों की नक्काशी वर्षों से हो रही है, लेकिन पवित्र गर्भगृह का निर्माण करने की आवश्यकता है, जहां भगवान रामलला विराजमान होंगे और उनकी पूजा की जाएगी। बताया जाता है कि स्तंभ तैयार हैं लेकिन गर्भगृह की तैयारी अभी नहीं हुई है। भव्य राम मंदिर में 212 स्तंभों की आवश्यकता होगी, जिनमें से 106 स्तंभ बनकर तैयार हो चुके हैं और 106 स्तंभों की नक्काशी अभी होनी है।
दो मंजिला मंदिर में ये स्तंभ लगाए जाएंगे। स्वीकृत डिजाइन के अनुसार, छत में शिखर होगा जो इसे भव्य राम मंदिर का स्वरूप प्रदान करेगा। प्रस्तावित राम मंदिर 128 फीट ऊंचा होगा और इसकी चौड़ाई 140 फीट जबकि लंबाई 270 फीट होगी। इस भव्य मंदिर में खास बात यह है कि इसमें इस्पात का उपयोग नहीं किया जाएगा।
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