उन्होंने पत्र में कहा, "विश्वविद्यालयों में लेफ्ट संगठनों की
राजनीति से सबसे ज्यादा नुकसान गरीब छात्रों को हो रहा है, जो तमाम
मुसीबतों के बीच दूरदराज से पढ़ने के लिए आते हैं। मगर कैंपस में अशांति
पैदाकर ऐसे छात्रों के लिए मुश्किलें पैदा की जा रहीं हैं।"
दो सौ
शिक्षाविदों के इस समूह ने प्रधानमंत्री मोदी को लिखे पत्र में कहा है कि
इस वक्त जरूरत है कि सभी लोकतांत्रिक ताकतें आगे आकर एकेडमिक और अभिव्यक्ति
की स्वतंत्रता के पक्ष में खड़ी होकर आवाज बुलंद करें।
पत्र लिखने
वालों में डॉ. हरिसिंह गौर विश्वविद्यालय सागर, मध्य प्रदेश के कुलपति
प्रो. आरपी तिवारी, सेंट्रल यूनिवर्सिटी ऑफ साउथ बिहार के कुलपति प्रो.
एचसीएस राठौर, सेंट्रल यूनिवर्सिटी पंजाब के कुलपति रविंदर, महात्मा गांधी
अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय वर्धा के कुलपति प्रो. रजनीश कुमार
शुक्ला प्रमुख रूप से शुमार हैं।
--आईएएनएस
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