नई दिल्ली। देश के करीब 19 करोड़ वयस्कों का कोई बैंक खाता नहीं है, जो चीन के बाद दूसरी सबसे बड़ी आबादी है। हालांकि खाताधारकों की संख्या 2011 के 35 फीसदी से बढ़कर 2017 में 80 फीसदी हो चुकी है। विश्व बैंक की रिपोर्ट में गुरुवार को यह जानकारी दी गई। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
विश्व बैंक द्वारा गुरुवार को जारी वैश्विक फाइंडेक्स रिपोर्ट में कहा गया कि भारत में वित्तीय समावेशन में तेजी से बढ़ोतरी हो रही और खाताधारकों की संख्या जो 2011 में 35 फीसदी थी और 2014 में 53 फीसदी थी। वह 2017 में बढ़कर 80 फीसदी हो गई है। इस हिसाब से भारत में 80 फीसदी आबादी खाताधारक है, जिसकी संख्या चीन में खाताधारकों की संख्या के बराबर है। हालांकि इसमें कहा गया कि खाताधारकों की अधिक संख्या के बावजूद भारत और चीन में बहुत बड़ी आबादी है, जो बैंकिंग सेवाओं से वंचित है।
रिपोर्ट में कहा गया कि चीन में 22.5 करोड़ वयस्क बैंकिंग सेवाओं से वंचित हैं, जबकि भारत में यह आंकड़ा 19 करोड़ का है। इसके बाद पाकिस्तान में 10 करोड़ और इंडोनेशिया में 9.5 करोड़ है। रिपोर्ट में कहा गया कि इन चार अर्थव्यवस्थाओं के साथ तीन अन्य नाइजीरिया, मैक्सिको और बांग्लादेश को मिलाने पर बैंकिंग सेवाओं से वंचित दुनिया की आधी आबादी बनती है। हालांकि इसमें कहा गया कि जन धन योजना नीति से देश में खाताधारकों की संख्या नाटकीय रूप से बढ़ी है। रिपोर्ट में कहा गया कि साल 2014 से 2017 के बीच दुनिया भर में 51.4 करोड़ बैंक खाते खोले गए।
--आईएएनएस
आम चुनाव-2024 : राजस्थान में 12 सीटों पर कम हुआ मतदान, बीजेपी में बेचैनी बढ़ी, 25 में से 25 सीटें जीतना मुश्किल
अमित शाह आज राजस्थान और उत्तर प्रदेश में चुनावी रैली को करेंगे संबोधित
पाकिस्तान में बारिश का कहर, 87 लोगों की मौत, 80 से ज्यादा घायल
Daily Horoscope