दूसरी तरफ कांग्रेस के वरिष्ठ नेता
कपिल सिब्बल ने मोदी सरकार पर
कई मोर्चो पर हमला किया और उसे अहंकारी, बदले की राजनीति करने वाली, संशय
और दुविधा की सरकार बताया।
सिब्बल ने आरोप लगाया कि 39 नए विधेयकों को पेश किया गया, जिसमें से 28
संसद के बजट सत्र में पारित हुए। हालांकि, किसी को भी प्रवर समिति या
स्थायी समिति के पास जांच के लिए नहीं भेजा गया। कपिल सिब्बल ने अनुच्छेद
370 को निष्प्रभावी करने को 'अंहकार' बताया।
उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि आरबीआई को 1.76 लाख करोड़ रुपए के रिकॉर्ड
अधिशेष को सरकार को स्थानांतरित करने को कहा गया।
सिब्बल ने सरकार पर बदले की राजनीति करने का आरोप लगाया। सिब्बल ने पूर्व
वित्तमंत्री पी.चिदंबरम, कर्नाटक के पूर्व मंत्री डी.के.शिवकुमार की
गिरफ्तारी व राज ठाकरे (एमएनएस), अजीत पवार (राकांपा), पार्था चटर्जी
(टीएमसी) व कमलनाथ के भतीजे से पूछताछ का जिक्र किया और कहा कि मोदी सरकार
राजनीतिक विरोधियों को निशाना बना रही है। एनआरसी ने सिर्फ अराजकता व
अनिश्चित भविष्य पैदा किया है। एनआरसी से 19 लाख लोग बाहर हैं।
सिब्बल ने देश में आर्थिक मंदी को लेकर भी सरकार पर हमला किया।
सिब्बल ने आरोप लगाया, "ऑटो की बिक्री लगभग दो दशक के निचले स्तर पर चली गई
है। 3,50,000 श्रमिकों को निकाला गया है, 300 से अधिक डीलरशिप बंद हो गए
हैं।
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