नई दिल्ली। देश की राजधानी दिल्ली में दिसंबर 2012 में हुए निर्भया सामूहिक दुष्कर्म मामले में मंगलवार को नया मोड़ आ गया। फांसी की सजा का सामना कर रहे मामले के चार दोषियों में से एक ने राष्ट्रपति के यहां दया याचिका दाखिल कर दी है। राष्ट्रपति के यहां दया याचिका दाखिल करने वाले मुजरिम का नाम विनय कुमार शर्मा है। गिरफ्तारी के बाद से ही विनय कुमार शर्मा दिल्ली की तिहाड़ जेल में बंद है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
बुधवार शाम आईएएनएस से बातचीत में इसकी पुष्टि तिहाड़ जेल महानिदेशक संदीप गोयल ने की। जेल महानिदेशक ने कहा, "चारों मुजरिमों को उनका कानूनी हक बताने के लिए संबंधित जेलों के (जहां-जहां मुजरिम रखे गए हैं) जेल अधीक्षकों द्वारा 29 अक्टूबर को नोटिस जारी किए गए थे। मंडोली स्थित जेल नंबर-14 में बंद पवन कुमार गुप्ता और तिहाड़ की अलग-अलग जेलों में बंद विनय कुमार शर्मा, अक्षय कुमार सिंह व मुकेश ने नोटिस प्राप्त भी किए थे।"
नोटिस प्राप्त होने के कई दिनों बाद तक चारों मुजरिम चुप्पी साधे रहे। शुक्रवार को पवन कुमार गुप्ता, विनय कुमार शर्मा और अक्षय कुमार सिंह से उनके वकीलों ने जेल में लंबी मुलाकात की थी। जेल में अपने मुवक्किलों से मुलाकात के बाद मुजरिमों में से एक के वकली अजय प्रकाश सिंह ने आईएएनएस को बताया था, "मेरे मुवक्किल राष्ट्रपति के यहां दया याचिका कतई दाखिल नहीं करेंगे। दो मुवक्किल सुप्रीम कोर्ट में क्यूरेटिव पिटीशन और एक मुजरिम (अक्षय कुमार सिंह) सोमवार को रिव्यू पिटीशन दाखिल करेगा।"
लेकिन तिहाड़ जेल के महानिदेशक संदीप गोयल ने बुधवार को जब पुष्टि की कि एक मुजरिम विनय कुमार शर्मा ने जेल प्रशासन को राष्ट्रपति के नाम संबोधित दया याचिका दी है, तो पूरा मामला ही एकदम पलट गया।
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