नई दिल्ली। पानी पीना हमेशा स्वास्थ्य के लिए लाभदायक होता है। हमारे शरीर की फंक्शनिंग के लिए पानी बहुत महत्वपूर्ण कारक है। पानी ना सिर्फ हमारे शरीर के अंगों को अच्छे तरीके से काम करने में मदद करता है, बल्कि बीमारियों से भी बचाता है। यही वजह है गर्मी हो या सर्दी, लोगों को अधिक से अधिक मात्रा में पानी पीने की सलाह दी जाती है।
ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
आपको पता है कि पानी पीना शरीर के लिए लाभदायक है, लेकिन ज्यादा पानी पीना हमारे शरीर के लिए नुकसानदेह भी साबित हो सकता है। ज्यादा पानी पीने से शरीर में जो प्रक्रियाएं होती हैं, उसे इंटॉक्सिकेशन या ओवर हाइड्रेशन कहते हैं। यह स्थिति तब उत्पन्न होती है, जब हम जरूरत से ज्यादा पानी पीते हैं। इसकी वजह से हमारे शरीर में कई बीमारियां भी हो सकती हैं।
उत्तर प्रदेश के हरदोई में शतायु आयुर्वेदा एवं पंचकर्म केंद्र चलाने वाले डॉ. अमित कुमार कहते हैं, "हमारे शरीर के लिए पानी बहुत महत्वपूर्ण है। हमारे शरीर का अधिकांश भाग पानी से बना होता है। हमारा शरीर बिना खाना या ऊर्जा के हफ्तों या कई बार महीनों तक चल सकता है, लेकिन बिना पानी के हम कुछ दिन भी नहीं चल सकते। गर्मी के मौसम में पानी कुछ देर ना मिले, तो हमारा शरीर डिहाइड्रेट हो जाता है, जिससे चक्कर आना और कई प्रकार की समस्याएं होती हैं। इससे हमारे शरीर की कार्य क्षमता कम हो जाती है। हम बीमार पड़ जाते हैं।"
डॉ. अमित कहते हैं, "हमें यही बताया जाता है कि पानी हमारे शरीर के लिए बहुत जरूरी है। हमें ज्यादा से ज्यादा पानी पीना चाहिए। हम ऐसा करते भी हैं। कई बार इस आपाधापी में हम ज्यादा पानी पी जाते हैं, जो हमारे शरीर के लिए कई मायनों में काफी नुकसानदेह भी है। ज्यादा पानी पीने की वजह से हमारे मस्तिष्क की कार्यप्रणाली में शिथिलता आती है। इसकी वजह से मस्तिष्क की कोशिकाओं में सूजन आ सकती है। इसकी वजह से कई बार भ्रम, उनींदापन या सिरदर्द जैसी समस्याएं होना बहुत आम है। अधिक पानी पीना हमारे शरीर में ब्लड प्रेशर को भी बढ़ा देता है। इसकी वजह से हाई ब्लड प्रेशर ब्रैडीकार्डिया या काम हृदय गति जैसी समस्याओं का सामना हमें करना पड़ सकता है।"
उन्होंने बताया, "पानी में सबसे ज्यादा हाइड्रोजन होता है। हाइड्रोजन एक इलेक्ट्रोलाइट है, जिससे हमारे शरीर में हाइपोनेट्रिमिया जैसी एक स्थिति बन जाती है। सोडियम हमारे शरीर में पाया जाने वाला आवश्यक तत्व है, जिसका काम हमारी कोशिकाओं के अंदर और बाहर लिक्विड का संतुलन बनाए रखना है। अधिक पानी पीने की वजह से हमारे शरीर के अंदर मौजूद सोडियम पतला हो जाता है या कई बार पेशाब के रास्ते शरीर से बाहर निकलने लगता है। इसकी वजह से कोशिकाओं के आसपास पाया जाने वाला तरल पदार्थ हमारी कोशिकाओं के अंदर जाने लगता है। ऐसी स्थिति में हमारे शरीर की महत्वपूर्ण कोशिकाओं में सूजन आने लगती है। इससे गंभीर खतरा उत्पन्न हो सकता है।"
उन्होंने बताया, "शरीर में पानी की मात्रा अधिक होने को हम बहुत ही आसानी से पहचान सकते हैं। इसकी सबसे बड़ी पहचान हमारा पेशाब है। जब हम अधिक मात्रा में पानी पीते हैं, तो हमें बार-बार टॉयलेट जाना पड़ता है। कई बार ज्यादा पानी पीने से हमारे पेशाब का रंग सफेद होने के साथ-साथ झाग भी निकलने लगता है, जो ओवर हाइड्रेशन की सबसे बड़ी पहचान है। इंटॉक्सिकेशन या ओवर हाइड्रेशन की वजह से हमें या तो मतली होने लगती है या उल्टियां। हमारे होठों और हाथों में भी सूजन आ जाती है या शरीर में दर्द बना रहता है। सिर दर्द होता है। हाथ पैरों में दर्द होता है।"
डॉ. अमित के मुताबिक, "ज्यादा पानी पीने के कई नुकसान हैं, इसलिए हमें शरीर को हाइड्रेट रखने के लिए एक निश्चित मात्रा में पानी पीना चाहिए, ना कम ना ज्यादा। हमारे शरीर को अच्छी तरह से फंक्शनिंग करने के लिए रोजाना अधिकतम 7 से 10 लीटर पानी चाहिए होता है। कई बार धूप में अधिक काम करने या ज्यादा मेहनत करने से पानी की जरूरत ज्यादा हो जाती है, जिसे हम अधिक पानी पीकर पूरी कर सकते हैं। लेकिन, पानी पीते समय ध्यान रखना चाहिए कि एक निश्चित मात्रा बनाकर रखें और ओवर ड्रिंकिंग नहीं करें।"
--आईएएनएस
भारत में डायबिटीज को बढ़ावा दे रहे हैं अल्ट्रा-प्रोसेस्ड फूड: एक्सपर्ट
शोधकर्ताओं ने बच्चों में 'आरएसवी' के गंभीर मामलों से जुड़े लक्षणों की पहचान की
भारतीय वैज्ञानिकों की नई थेरेपी कैंसर मरीजों के लिए मददगार
Daily Horoscope