नई दिल्ली। राष्ट्रीय राजधानी में स्थित जवाहर लाल नेहरू स्टेडियम में फुटबॉल लीग टूर्नामेंट खेलने पहुंची एक फुटबॉल टीम के सामान पर ही चोरों ने हाथ साफ कर दिया है। चोरों ने ताले तोड़कर घटना को अंजाम दिया। घटना शुक्रवार दोपहर बाद की है। पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी है।
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यहीं पर फुटबॉल दिल्ली (दिल्ली राज्य फुटबॉल) मुख्यालय भी है। लोधी कॉलोनी थाना पुलिस के साथ ही फुटबॉल दिल्ली (डीएसए) ने भी अपने स्तर पर पड़ताल शुरू कर दी है।
डीएसए के अध्यक्ष शाजी प्रभाकरन ने रविवार को आईएएनएस से घटना की पुष्टि। उन्होंने कहा, "इस सिलसिले में घटना वाले दिन ही थाना लोधी कॉलोनी में चोरी की एफआईआर दर्ज करवा दी गई है।"
एफआईआर दिल्ली यूनाइटेड फुटबॉल टीम के मैनेजर और नई दिल्ली के इंद्रपुरी निवासी आदित्य राघव के बयान पर दर्ज की गई है। आईएएनएस के पास मौजूद संबंधित एफआईआर संख्या 57 (दिनांक 13 मार्च, 2020) के मुताबिक, आदित्य राघव कानून के अंतिम वर्ष के छात्र हैं। साथ ही वह दिल्ली यूनाइटेड फुटबॉल क्लब के टीम मैनेजर भी हैं।
एफआईआर के मुताबिक, "घटना वाले दिन अपराह्न् लगभग दो बजे दिल्ली यूनाइटेड क्लब की फुटबॉल टीम जवाहर लाल नेहरू स्टेडियम पहुंची। टीम को दिल्ली सीनियर डिवीजन का फुटबॉल मैच खेलना था। टीम मैनेजर ने चेंजिंग रूम (ड्रेसिंग रूम) की चाबी ली। उसके बाद दिल्ली यूनाइटेड फुटबॉल क्लब टीम मैनेजर सहित सभी 10-11 खिलाड़ियों ने अपने मोबाइल फोन, कागजात और पर्स (जिनमें नकदी भी मौजूद थी) चेंजिंग रूम के लॉकर में बंद कर दिए। अपराह्न् करीब तीन बजे टीम जवाहर लाल नेहरू स्टेडियम फुटबॉल मैदान पर मैच खेलने चली गई।"
एफआईआर के मुताबिक, "मैच खत्म होने के बाद शाम करीब सवा पांच बजे टीम वापस ड्रेसिंग रूम पहुंची। चेंजिंग रूम का ताला अनुपम ठाकुर ने खोला। अंदर चेंजिंग रूम का हाल देखकर फुटबॉल टीम सन्न रह गई। लॉकर के ताले टूटे हुए थे और खिलाड़ियों के सामान कमरे में इधर-उधर बिखरे पड़े थे। अधिकांश खिलाड़ियों के मोबाइल फोन, नकदी, कागजात गायब थे।"
चोरों ने जिन खिलाड़ियों के मोबाइल, नकदी और अन्य कीमती व जरूरी सामान पर हाथ साफ किया, उनमें अनुपम ठाकुर, मयंक राव, शिखर, विशेष उप्रेती, जतिन सिंह, एंडिलुइस, अभिषेक, आदित्य रावत, राहुल रावत, जतिन बिष्ट, सत्यम विवेक, रोहित गुसाईं प्रमुख रूप से शामिल हैं।
लोधी कॉलोनी थाने में दर्ज एफआईआर के मुताबिक, "फुटबॉल खिलाड़ी सत्यम विवेक के तो 2200 रुपये और रोहित गुसाई के चार हजार रुपये भी चोरी होने का जिक्र पुलिस एफआईआर में है। जबकि खिलाड़ी शिखर का मोबाइल फोन और 5000 रुपये गायब हैं।"
पीड़ित खिलाड़ियों में से कई के ओरिजनल दस्तावेज, बैंक के एटीएम कार्डस भी चोरों ने गायब कर दिए हैं।
स्टेडियम व्यवस्थापकों से आईएएनएस ने संपर्क की कोशिश की, मगर वे उपलब्ध नहीं हो पाए।
पीड़ित फुटबॉल टीम स्टेडियम प्रशासन के खिलाफ आक्रोशित है। जांच में जुटी लोधी कॉलोनी थाना पुलिस चोरी की इस घटना में किसी 'अंदर' के ही आदमी का हाथ मानकर जांच कर रही है।
फुटबॉल दिल्ली के पदाधिकारियों का कहना है, "पुलिस जांच में असली चोर को जल्दी से जल्दी सामने लाया जाना चाहिए। आरोप के मुताबिक, पूछताछ के नाम पर लोधी कॉलोनी थाना पुलिस खुद फंसकर रह गई है, जोकि सरासर गलत है।"
दिल्ली सॉकर एसोसिएशन (डीएसए) के अध्यक्ष शाजी प्रभाकरन ने सभी खिलाड़ियों से धैर्य बनाए रखने की अपील की है। साथ ही उन्होंने खिलाड़ियों से वादा किया कि जल्द ही आरोपी कानून के शिकंजे में होंगे।
शाजी ने आईएएनएस को बताया, "फिलहाल जांच के नाम पर पिछले 48 घंटे से पुलिस फुटबॉल दिल्ली के कर्मचारियों से ही पूछताछ में जुटी है। जांच का दायरा पुलिस को विस्तृत करना चाहिए, ताकि असली मुलजिम सामने आ सके। बे-वजह फुटबॉल दिल्ली स्टाफ का उत्पीड़न न हो। न ही पीड़ित खिलाड़ियों का चोरी हुआ सामान मिलने में विलंब हो। जांच में देरी से पीड़ित खिलाड़ी और फुटबॉल दिल्ली के पदाधिकारी-कर्मचारी, दोनों ही परेशान हैं।"
--आईएएनएस
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