नई दिल्ली। दिल्ली विश्वविद्यालय में स्थाई सहायक प्रोफेसर के सैकड़ो पद खाली हैं। इन पदों पर विभिन्न विभागों व कॉलेजों में स्थायी नियुक्ति की प्रक्रिया जारी है। अभी तक केवल उन्हीं कॉलेजों में स्थायी शिक्षकों की नियुक्ति प्रक्रिया चल रही थीं जहां पर स्थायी प्रिंसिपल कार्यरत हैं। हालांकि अब उन कॉलेजों में भी स्थाई शिक्षकों की नियुक्ति की जाएगी जहां अस्थाई प्रिंसिपल कार्यरत हैं।
ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
दिल्ली सरकार के 5 ऐसे कॉलेजों में जिन्हें सरकार द्वारा अनुदान दिया जाता है उनमें स्थायी नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू हो रही है।
फोरम ऑफ एकेडेमिक्स फॉर सोशल जस्टिस के मुताबिक जहां पर कार्यवाहक या अस्थायी प्रिंसिपल कार्यरत्त हैं, वहां भी शिक्षकों की स्थाई नियुक्ति का रास्ता साफ हो गया है।
दिल्ली विश्वविद्यालय के शिक्षकों का कहना है कि जिन कॉलेजों में अगले सप्ताह से यह नियुक्ति प्रक्रिया शुरू हो रही है उनमें श्री अरबिंदो कॉलेज कालिंदी कॉलेज, मोतीलाल नेहरू कॉलेज, विवेकानंद कॉलेज व गार्गी कॉलेज हैं।
दिल्ली विश्वविद्यालय के शिक्षक संगठनों ने इन कॉलेजों में भी स्थायी नियुक्ति की प्रक्रिया का स्वागत किया है। फोरम के अध्यक्ष व श्री अरबिंदो कॉलेज के प्रोफेसर हंसराज सुमन का कहना है कि यह प्रक्रिया पूरी होने पर दिल्ली विश्वविद्यालय से एडहॉकइज्म समाप्त हो जाएगा।
डॉ. सुमन ने बताया कि जिन कॉलेजों में एक्टिंग या ऑफिसिएटिंग प्रिंसिपल हैं उन्होंने अपने यहां छह महीने व एक साल पहले शिक्षकों के स्थायी पदों को भरने के लिए विज्ञापन निकालकर कॉलेजों ने स्क्रीनिंग व स्कूटनी का कार्य पूरा कर लिया है। बहुत से कॉलेजों में स्क्रीनिंग की प्रक्रिया पूरी कर ली गई है, तो कुछ कॉलेजों में यह कार्य जोरों पर जारी है।
उनका कहना है कि जब इन कॉलेजों में शिक्षकों का प्रमोशन हो सकता है है तो स्थायी नियुक्ति क्यों नहीं। इसीलिए विश्वविद्यालय प्रशासन ने इन 5 कॉलेजों में सलेक्शन के लिए पैनल भेज दिया है।
दिल्ली सरकार के वित्त पोषित कॉलेजों के प्राचार्यों ने अपने यहां पर स्थायी नियुक्ति हेतु आवेदन पत्रों की स्क्रीनिंग व स्कूटनी के बाद इंटरव्यू के लिए सब्जेक्ट एक्सपर्ट के नामों की लिस्ट मांगी हुई थीं। विश्वविद्यालय प्रशासन ने उन कॉलेजों के प्राचार्यों को सब्जेक्ट एक्सपर्ट की लिस्ट दे दी है। अब यह कॉलेज अपने यहां जल्द ही नियुक्ति प्रक्रिया शुरू कर सकते हैं।
सुमन ने बताया कि विवेकानंद कॉलेज में तो एक शिक्षिका एडहॉक शिक्षक के रूप में ही अपनी निर्धारित सेवाएँ पूरी कर सेवा मुक्त हो चुकी हैं। अभी स्थिति यह है कि 45 से 50 के बीच की उम्र के एडहॉक शिक्षकों की काफी संख्या है। मैत्रेयी कॉलेज, श्यामलाल कॉलेज, शिवाजी कॉलेज, अरबिंदो कॉलेज, रामलाल आनंद कॉलेज, स्वामी श्रद्धानंद कॉलेज में 50 से भी ज्यादा उम्र के शिक्षक हैं। ये सभी शिक्षक एडहॉक हैं। इन कॉलेजों में पैनल भेजे जाने का एडहॉक शिक्षकों ने स्वागत किया है तथा डूटा अध्यक्ष प्रोफेसर अजय भागी का आभार व्यक्त किया है।
(आईएएनएस)
कांस्टेबल भर्ती -2023 : चयन प्रक्रिया आखिरी दौर में, अंतिम परिणाम शीघ्र ही
भारत में अगले दो वर्षों में टेक्नोलॉजी सेक्टर में बढ़ेगी 22 प्रतिशत नौकरियां
भारत में 9.5 प्रतिशत तक बढ़ सकता है वेतन, नौकरी छोड़ने की दर में आएगी गिरावट !
Daily Horoscope