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नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का सियासी स्वर्णकाल गुजर चुका है और आगे आने वाला समय चुनौतीपूर्ण रहने की संभावना है। खासकर 2024-25 के सियासी तूफान से केवल मंगलनाथ महादेव, उज्जैन ही बचा सकते हैं। नरेंद्र मोदी और राहुल गांधी को लेकर 2017 में भविष्यवाणियां की थी, जो अब तक सही साबित हुई हैं।
सियासत के सितारे....सन् 2023 तक नरेन्द्र मोदी को केन्द्र की गद्दी से उतारना आसान नहीं, में कहा था कि....अगर सितारों के समीकरणों पर भरोसा करें तो सन् 2023 तक पीएम नरेंद्र मोदी को केन्द्र की गद्दी से उतारना आसान नहीं है, हां.... यह सारा समय परेशानियों से भरा रह सकता है और कई साथी-समर्थक दूर भी हो सकते हैं, खासकर... नवंबर 2017 से, वैसे नरेंद्र मोदी के सितारे बुलंद हैं और वे इस दौरान विदेशों में लोकप्रियता का परचम लहराएंगे।
नवंबर 2017 के बाद साथी-समर्थकों की प्रत्यक्ष/अप्रत्यक्ष नाराजगी उनके हित में नहीं है, लेकिन... सन् 2019 के उत्तरार्ध से स्थिति में सुधार संभव है।
कांग्रेस नेता राहुल गांधी के सितारे भी पटरी पर आ रहे हैं और अक्टूबर 2017 के बाद उनकी कामयाबी की कहानी शुरू हो सकती है, लेकिन... सन् 2023 के बाद राहुल गांधी देश की राजनीति में अपनी विशेष जगह बनाने में कामयाब रहेंगे। सियासी प्रयासों के बेहतर परिणामों के लिए राहुल गांधी को खाटू श्यामजी जाना चाहिए।
राहुल गांधी के लिए 2024 से 2030 तक का समय बेहतर है, इस दौरान वे प्रधानमंत्री बन सकते हैं।
अब.... वर्ष 2024-25 नरेंद्र मोदी के लिए चुनौतीपूर्ण रहेंगे, लेकिन यह समय पार कर गए तो 2026-27 में राहत मिल सकती है। हालांकि.... अब उन्हें, सेहत और थकान पर भी फोकस करना होगा, वरना माइग्रेन, एपोप्लेक्सी जैसी परेशानियां उभर सकती हैं, 2028 से नरेंद्र मोदी कानूनी कार्रवाई में उलझ सकते हैं।
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