सक्ति। जिले में स्वास्थ्य विभाग लगातार विवादों के घेरे में आ रहा है। पिछले कुछ महीनों में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र जैजैपुर और मालखरौदा में डॉक्टरों और स्वास्थ्य कर्मियों के बीच आपसी विवाद सामने आए हैं, जिससे मरीजों को मिलने वाली सेवाएं प्रभावित हो रही हैं। इसी कड़ी में 31 अक्टूबर को मालखरौदा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में एक डिलीवरी के दौरान नवजात शिशु की मौत का मामला भी सामने आया, जिसमें नर्स पर लापरवाही और डॉक्टर की गैरमौजूदगी के आरोप लगे।
पीड़ित पिता की शिकायत पर जिले के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (सीएमएचओ) ने तुरंत कार्रवाई करते हुए 5 सदस्यीय जांच समिति गठित कर दी है। समिति को जिम्मा सौंपा गया है कि वह घटना की जांच कर यह पता लगाए कि नवजात की मृत्यु के मामले में किन कारणों से लापरवाही हुई और जिम्मेदार कौन है। इस घटना ने जिले में स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
जिले में स्वास्थ्य सेवाओं की बिगड़ती स्थिति को लेकर नेता प्रतिपक्ष चरणदास महंत ने स्वास्थ्य विभाग की कार्यप्रणाली पर तीखी प्रतिक्रिया दी है। महंत ने कहा कि जिले में बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने का प्रयास किया गया था, लेकिन नए सीएमएचओ के कार्यभार संभालने के बाद से हालात बिगड़ गए हैं। उन्होंने कहा कि जिले की स्वास्थ्य व्यवस्था चरमराने लगी है और स्थानीय विधायकों को इस पर सक्रिय होकर ध्यान देने की जरूरत है।
स्वास्थ्य केंद्रों पर बार-बार सामने आ रही लापरवाही और विवादों के मद्देनजर जनता में रोष बढ़ता जा रहा है। स्थानीय लोगों का कहना है कि स्वास्थ्य विभाग को इस मामले में गंभीरता से कदम उठाने चाहिए और स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार के ठोस प्रयास करने चाहिए। वहीं, जांच समिति की रिपोर्ट का बेसब्री से इंतजार किया जा रहा है ताकि इस मामले में जिम्मेदार लोगों पर उचित कार्रवाई की जा सके।
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