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अंतरराष्ट्रीय योग दिवस : योग की अद्भुत माया, स्वस्थ निरोगी काया

International Yoga Day: The wonderful magic of yoga, a healthy body - Raipur News in Hindi

योग स्वयं के माध्यम से स्वयं की यात्रा है। अर्वाचीन भारतीय दर्शन शास्त्र की पाठशाला में एक महत्वपूर्ण एवं अद्भुत पाठशाला योग भी है। योग शब्द मूलतः संस्कृत की भाषा से उपजा शब्द है। योग शब्द की उत्पत्ति संस्कृत के शब्द 'युज, से हुई है इसके दो अर्थ है पहला अर्थ जोड़ना तथा दूसरा बहुत ही वृहद व्यापक शब्द अनुशासन है। योग से उसके अभ्यास के कारण शरीर तथा मस्तिष्क में एक सामंजस्य और संबंध बन जाता है, जिससे मस्तिष्क शांत तथा अनुशासित रहता हैं। यह व्यायाम का ही एक अंग है, जिससे शरीर तथा मन नियंत्रित रह कर जीवन को परिस्थितियों के अनुकूल एवं सफल बनाता है। योग स्वस्थ जीवन जीने का एक विज्ञान है। यह एक प्रकार की यौगिक औषधि है, वह हमारे शरीर के काम करने के तरीकों को धीरे-धीरे बेहतर कर शिथिल अंगों को स्वयं हल्के हल्के ठीक कर देता है। निरोगी काया श्रेष्ठ जीवन का वरदान होती है। यदि आप निरोगी और स्वस्थ हैं तो आप सफलतम व्यक्ति बन सकते हैं धन लिप्सा आकांक्षा लालच से योग मुक्त कर एक खुशनुमा जीवन जीने की जीजिविषा तथा जुजुस्ता पैदा करता है। योग जीवन की एक कला है जो वर्तमान परिवेश में और भौतिक जगत में अत्यंत प्रासंगिक भी है।
योग हमें शारीरिक तथा मानसिक रूप से स्वस्थ रखने का एक सशक्त माध्यम है हम सबको, आपको लगता है कि आज के आधुनिक जीवन में हमें एक बहुत अस्त व्यस्त तथा मानसिक असंतुलन वाली जीवन शैली मिली है। यह सभी अनियमित भोजन की आदतों, अभाव या अनुचित नींद या लंबे समय तक कठोर श्रम करने के कारण प्राप्त हुई है। नई पीढ़ी के बच्चे, युवा स्वस्थ जीवन शक्ति सार्वजनिक लचीलापन ऊर्जा और रोगों के लिए प्रतिरोधात्मक क्षमता की खोज में लगे हुए है और सही सहीं माना जाए तो इन सब का जवाब योग अभ्यास में ही है।
योग के आसन प्राणायाम और ध्यान से संयमित शरीर और आत्मा के साथ संतुलित जीवन शैली को प्राप्त किया जा सकता है। इस जीवन में हम अपने को शक्तिवान, ऊर्जावान महसूस करने लगते हैं। योगाभ्यास के जरिए न केवल बीमारियों से छुटकारा पाया जा सकता है बल्कि स्वयं के अंदर एक नई ऊर्जा का संचार भी किया जा सकता है। अपने बेडौल शरीर को भी योग अभ्यास के जरिए सही आकार में लाने का यह सर्वाधिक सुरक्षित आसान और कारगर तथा लागत विहीन जरिया है।
योग के वैसे तो कर्म योग, भक्ति योग, ज्ञान योग, राजयोग और हठयोग भी अलग-अलग विभेद हैं, पर सभी पांचों योगों के अलग-अलग तरीके तथा अलग-अलग फायदे हैं। कर्म योग सदैव दूसरों की सेवा के लिए प्रेरित करता है। और इसका मूल्य देश सामाजिक कल्याण यह समाज सेवा ही है। भक्ति योग हमें ईश्वर की साधना कैसे की जाए, यह पाठ पढ़ाता है। भक्ति योग मनुष्य के अंदर हृदय तथा मस्तिष्क को संतुलित कर एक सकारात्मक ऊर्जा की ओर प्रेरित करता है। भक्ति योग एक प्रकार का मानसिक योग है जिससे मन शांत रहकर सहिष्णुता की उत्पत्ति होती है, यह अहिंसक मार्ग की ओर प्रेरित करता है। ज्ञान योग बुद्धि के विकास एकाग्रता बढ़ाने तथा समाजिक ज्ञान विज्ञान की प्रेरणा देते एवं अध्ययन मनन में मनुष्य की सहायता करता है।
राजयोग सर्वाधिक प्रचलित कथा लोकप्रिय योग है। यह योग की सबसे महत्वपूर्ण विधा है इसमें यम, नियम, आसन, प्राणायाम, प्रत्याहार धारणा और ध्यान या समाधि इसमें परम आनंद की प्राप्ति या मोक्ष प्राप्ति की विधाओं के बारे में विस्तृत वर्णन है। योग का इतिहास पांच सौ साल पुराना है। पश्चिमी देशों के लोगों का परिचय योग से तब हुआ जब स्वामी विवेकानंद ने अपने शिकागो की यात्रा के समय लोगों को योग के महत्व के बारे में व्यापक रूप से बताया था। इसके बाद पूरे विश्व में योग के प्रचार प्रसार के लिए कई योग गुरु ने अनथक प्रयास कर योग को विश्वव्यापी फलक पर विराजमान किया।
पहली बार अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस 21 जून 2015 को मनाया गया। भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसकी पहल कर 27 सितंबर 2014 को संयुक्त राष्ट्र संघ की आम सभा में अपने भाषण में उल्लेख कर इसे प्रतिपादित किया। उन्होंने अपने भाषण में कहा था कि योग शारीरिक तथा मानसिक सामंजस्य का अद्भुत सहयोग तथा तरीका है। यह मनुष्य तथा प्रकृति के बीच का एक सामंजस्य स्थापित करने वाला अद्भुत से सेतु है। और तब 11 दिसंबर 2014 को संयुक्त राष्ट्र संघ में उसके 177 सदस्यों द्वारा 21 जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाने की सहमति देकर इस प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान की थी। इस प्रस्ताव को बहुत ही कम समय में मंजूरी प्रदान कर दी गई, जो कि संयुक्त राष्ट्र संघ के इतिहास की सबसे कम समय में दी गई मंजूरी थी।
योग के वैसे तो अनगिनत फायदे हैं। और हम यह कह सकते हैं कि योगाभ्यास ईश्वर द्वारा मानव सभ्यता को दिया गया अप्रतिम उपहार है। योग किसी चमत्कार से कम नहीं।जिन असाध्य बीमारियों का वर्तमान चिकित्सा पद्धति से इलाज नहीं हो पाता,योग उन बीमारियों को शनै शनै उपचार कर ठीक कर देता है। यह शारीरिक मानसिक शांति ऊर्जा शक्ति तो देता ही है, साथ में हमें आत्म संयम, आत्मबल तथा आत्मज्ञान से भी रूबरू कराता है। योग बहुत ही आसान व्यायाम है,यह दैनिक क्रियाओं के साथ स्वस्थ शरीर और मन की क्रिया है।
नाड़ी शोधन, कपालभाति, शीतली, अनुलोम विलोम जैसी क्रियाओं से शरीर में प्राण वायु की संतुलित मात्रा बढ़ती है एवं स्नायु तंत्र मजबूत होता है। कोरोना संक्रमण काल मे कपालभाति, अनुलोम विलोम, नाड़ी शोधन शरीर में ऑक्सीजन की मात्रा बढ़ाने के कारगर उपायों में गिना जाता रहा है, और इसने मरीजों की बहुत मदद भी की है। योग से रोगों की तीव्रता कम हो जाती है, तथा कई रोगों से छुटकारा भी मिल जाता है। अतः आप सभी को योग दिवस की शुभकामनाएं स्वस्थ रहें मस्त रहें निरोगी रहें।

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Web Title-International Yoga Day: The wonderful magic of yoga, a healthy body
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