लगभग 5 वर्षों बाद प्रधानमंत्री मोदी तीसरी बार चुनाव जीतने के पश्चात रूस की दो दिवसीय यात्रा पर गए हैं इसके पश्चात हुए ऑस्ट्रिया भी जाएंगे। लगभग चार दशक बाद कोई भारतीय प्रधानमंत्री ऑस्ट्रिया की यात्रा पर गया है। इस यात्रा के कई मायने हैं और इस यात्रा की उत्सुकता एवं प्रतीक्षा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तथा ऑस्ट्रिया के चांसलर नेहमर को भी कई दिनों से रही है।
प्रधानमंत्री के मास्को के वनुकोवो 2 एयरपोर्ट में पहुंचने पर पुतिन सरकार के महत्वपूर्ण पद धारक डिप्टी प्रधानमंत्री डेनिस मातुरोव ने जिस गर्मजोशी से स्वागत किया है, निश्चित तौर पर भारत और रूस के 75 वर्षों के संबंधों की घनिष्ठता को दर्शाता है इसके अलावा भव्य स्वागत में चीन की सरकार के दिल की धड़कन बढाने वाला संदेश भी पृष्ठभूमि भी अंतर निहित है।
यह तो तय है कि भारत के प्रधानमंत्री की आम चुनाव में तीसरी जीत के बाद मास्को की यात्रा दिल्ली और मॉस्को के संबंधों में गंभीर निजता आने के संकेत हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की कई मुलाकातें हुई हैं और इन मुलाकातों के दौरान दोनों के मध्य काफी मानसिक साम्यता मजबूत हुई है, ऐसे में यदि भारत के प्रधानमंत्री रूस से यूक्रेन युद्ध में शांति बहाली का रास्ता बातचीत के जरिए हल करवाना चाहेंगे तो वैश्विक शांति के नए सोपनो को खुलने में देर नहीं लगेगी। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
भारत के प्रधानमंत्री की यह यात्रा भारत और रूस के संबंधों को नई ऊंचाई देने वाली भी साबित हो सकती है इसके साथ ही रुस और चीन की बढ़ती मित्रता एवं प्रगाढ़ता को भी संतुलित करने का इस यात्रा के दौरान प्रयास किया जाएगा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पुतिन की मित्रता लगभग दो दशक पुरानी है प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पहली बार अटल बिहारी की सरकार के दौरान 2001 में गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में रूस की यात्रा की थी, उसके पश्चात बतौर गुजरात की मुख्यमंत्री 2006 और 2009 में भी रूस की यात्रा कर चुके हैंl
प्रधानमंत्री की रूस यात्रा को मद्धे नजर रख क्रेमलिन के प्रवक्ता दमित्री पेस्कोव ने बताया कि भारत और रूस की वार्ता का मुद्दा एवं एजेंडा बहुत ही व्यापक तथा दूरगामी परिणाम लाने वाला है। दोनों देश के नेताओं की शिखर वार्ता के मध्य राजनीतिक साझीदारी व्यापार, सामरिक महत्व के सौदे, विज्ञान तथा टेक्नोलॉजी पर आधारित नए समझौते पर आधारित है। प्रधानमंत्री मोदी पुतिन एक साथ लगभग 8 घंटे बिताने वाले हैं।
प्रधानमंत्री की मास्को की दो दिवसीय यात्रा पर पूरी दुनिया की निगाहें टिकी हुई है खास तौर पर रूस यूक्रेन युद्ध को समाप्त करने वाली कूटनीति पर पूरे विश्व तथा यूक्रेन का ध्यान आकर्षित हुआ है।
भारत के प्रधानमंत्री तथा रूस के राष्ट्रपति की यह मुलाकात वैश्विक स्तर पर अनेक महत्वपूर्ण मुद्दों पर होगी एवं भारत तथा रूस के लिए अत्यंत सुखद परिणाम लाने वाली तथा भविष्य के लिए भारत रुस मैत्री के मील के पत्थर के रूप में साबित होगी। दूसरी तरफ प्रधानमंत्री मोदी की ऑस्ट्रिया यात्रा में प्रधानमंत्री तथा ऑस्ट्रिया के राष्ट्र प्रमुख दोनों देशों के मध्य सहयोग के नए-नए रास्ते तलाश करने का प्रयास करेंगे।
ऑस्ट्रिया के चांसलर नेहमर ने अपने बयान में कहा है कि विश्व के सबसे बड़े लोकतंत्र के राष्ट्र प्रमुख का स्वागत करने के लिए वह बड़े उत्सुक हैं। उन्होंने आगे कहा कि हमें उम्मीद है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की यात्रा में दोनों देशों के बीच संबंध मधुर होंगे एवं व्यापार के नए रास्ते भी तलाशे जाएंगे। उन्होंने कहा कि हम भारत की आजादी के 75 वें वर्ष के बाद अपने संबंधों को अच्छे से याद करके द्विपक्षी संबंधों को प्रगाढ़ करने एवं भू राजनीतिक चुनौतियों को बेहतरीन सहयोग के साथ सामना करने के अवसर को बढ़ाएंगे।
यह तो तय है कि भारत के प्रधानमंत्री की आम चुनाव में तीसरी जीत के पश्चात रूस तथा ऑस्ट्रिया देश की यात्रा राजनीतिक व्यापारिक सामरिक एवं विज्ञान एवं टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में व्यापक परिवर्तन लाने वाली होगी एवं वैश्विक शांति की स्थापना के संदेश को लेकर भारत विश्व शांति दूत की भूमिका में अपना अहम किरदार निभाएगा।
ईरान-इजरायल संघर्ष: दूतावास ने भारतीय छात्रों को तेहरान से निकाला
देशभर में मॉनसून का असर: दिल्ली में बादल, अजमेर में जलभराव, किसानों को राहत
जाति जनगणना का कार्य देशहित में ईमानदारी से पूरा होना चाहिए : मायावती
Daily Horoscope