रायपुर। छत्तीसगढ़ के सुकमा में पिछले दिनों हुए नक्सली हमले के मामले में बड़ा खुलासा हुआ है। इस हमले का खुफिया अलर्ट पहले से था लेकिन सुरक्षा में लापरवाही की वजह से 9 जवान शहीद हो गए। मीडिया में चल रही खबरों के मुताबिक, खुफिया एजेंसियों ने 3 महीने में 45 बार सुकमा में नक्सलियों से सावधान रहें कहा। खुफिया एजेंसियों ने जानकारी दी थी कि नक्सलियों के बड़े नेता इस इलाके में सक्रिय हैं। जिस सीआरपीएफ कैंप के 9 जवान शहीद हुए हैं उसे भी सावधान रहने को कहा गया था। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
अलर्ट था कि नक्सली सीआरपीएफ कैंप की रेकी कर रहे हैं, वो बड़े हमले की फिराक में हैं। ये भी अलर्ट मिला था कि सुकमा में सुरक्षा बल गाड़ी का इस्तेमाल ना करें। सीआरपीएफ जवानों ने अलर्ट के बावजूद गाड़ी का इस्तेमाल किया और वो नक्सलियों के निशाने पर आ गए। सुकमा में जिस जगह नक्सलियों ने ब्लास्ट किया वहां एक जवान आईईडी की चपेट में आ चुका था।
सुकमा में घटना वाली जगह से 15 किलो आईईडी सीआरपीएफ ने निकाला था। इस जगह के बारे में खुफिया एजेंसियों ने आगाह किया था लेकिन फिर भी वहां से गाड़ी में सीआरपीएफ जवान निकले।
आपको बता दें कि साल 2005 से 4 मार्च 2018 तक के नक्सली हमलों में 3069 नागरिक की जान ले ली है। इसी दौरान 1940 जवानों ने अपनी जानें गवाईं। इस दौरान 2702 नक्सली भी मारे गए।
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