शुक्ला ने बताया कि समर्पित नक्सलियों से पूछताछ के दौरान यह तथ्य
सामने आया है कि दबाव व सक्रिय नक्सली सदस्यों की लगातार गिरफ्तारी व
समर्पण से नक्सली संगठन कमजोर हुआ है। क्षेत्र में सुरक्षाबलों के लगातार
नक्सल विरोधी अभियान से नक्सलियों का जनाधार कमजोर होने लगा है। इस वजह से
कई नक्सली सदस्य संगठन छोड़कर अपने गांव वापस आ गए हैं और मौका मिलने पर
समर्पण भी कर सकते हैं। ये भी पढ़ें - अजब गजबः यहां शिवलिंग पर हर साल गिरती है बिजली
शुक्ला ने बताया कि पूछताछ में यह भी बात
सामने आई कि सोनपुर में शिविर स्थापित होने से पूर्व क्षेत्र में सक्रिय
बड़े नक्सली कमांडरों -रनिता उर्फ जयमति (सचिव, कुतूल एरिया कमेटी), रीना
कोहकामेटा (एलओएस कमांडर कोहकामेटा), जयलाल उर्फ अनत (परलकोट एलओएस
कमांडर)- का क्षेत्र में आना-जाना था। लेकिन सोनपुर में नया शिविर स्थापित
होने तथा सुरक्षाबलों की ओर से लगातार क्षेत्र में चलाए जा रहे नक्सल
विरोधी अभियान से बड़े नक्सली नेताओं की आवाजाही में कमी आई है।
आत्मसमर्पित नक्सलियों का कहना है कि वे नक्सलियों के लिए डर के कारण काम
करते थे।
-आईएएनएस
आईपीएल 2024 : राजस्थान रॉयल्स ने दिल्ली कैपिटल्स को 12 रन से हराया
हुर्रियत कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष मीरवाइज उमर फारूक कश्मीर में नजरबंद
शराब घोटाला मामला: एक अप्रैल तक ईडी की हिरासत में केजरीवाल
Daily Horoscope