-भाजपा- कांग्रेस व आप नेताओं की एक दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप से हुआ हंगामा
- प्रतिनिधियों ने कहा, पहले विभाग अपनी कमियों को सुधारे ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
- लाइन लॉस के साथ शहर में मीटर एवं स्टाफ की कमी को दूर करे
चंडीगढ़। शहर में प्रशासन की ओर से जेईआरसी के समक्ष शहर में बिजली की दरों में
19.5 प्रतिशत की बढ़ोतरी करने का प्रस्ताव भेजा था। जिस पर शुक्रवार को
सैक्टर 10 के संग्राहलय सभागार में जेईआरसी की ओर से इस प्रस्ताव को लेकर
शहर के लोगों एवं संस्थाओं को अपने सुझाव व आपत्तियां दर्ज करवाने के लिए
आमंत्रित किया था। इस दौरान अधिकतर लोगों ने प्रशासन की ओर से जो शहर में
बिजली के रेट को बढ़ाने के लिए जो प्रस्तुति दी उससे अधिकतर लोग नाराज और
नाखुश थे। सभी प्रशासन की ओर से दिये प्रस्ताव को सिरे से खारिज कर बिजली
की दरों में इजाफा करने से सीधे तौर पर विरोध किया। जहां पहले अलग अलग
फोर्म से आए प्रतिनिधियों ने अपने विचार रखे और प्रशासन की पालिसी को कटघरे
में खड़ा कर दिया। लेकिन आज की जेईआरसी की हेयरिंग अधूरी ही रह गई क्योंकि
इसमें भाजपा और कांग्रेस के प्रतिनिधियों की ओर से इसमें एक दूसरे पर आरोप
प्रत्यारोप लगाने से एक बार नहीं दो बार हंगामा होने पर आयोग के सदस्य
बैठक से उठकर चले गए।
ऐसे में जेईआरसी की हेयरिंग में शहर के लोगों की हित
की बात होने की बजाय भाजपा व कांग्रेस के प्रतिनिधि एक दूसरे को कोसने लगे
रहे। यूं कहा जा सकता है कि उक्त बैठक राजनीति की भेंट चढ़ गई और इसमें अपनी
बात को रखने के लिए बुलाए गए कई प्रतिनिधि इस हंगामे से नाराज हुए और बोले
कि इन राजनेताओं को शहर के विकास से ज्यादा अपनी पार्टी की चिंता है।
जेईआरसी के आलोक टंडन, चेयरपर्सन व ज्योति प्रसाद सदस्य लॉ बार बार
प्रतिनिधियों को शांत रहने के लिए बोलते रहे लेकिन मामला बिगड़ता देख वह
अपनी सीट से उठकर कर चले गए । फिर क्या राजनीतिक दलों के प्रतिनिधि शांत
होकर चाय की चुसकियां लेते रहे।
भारतीय नागरिक मंच के अध्यक्ष एसके
नायर ने संयुक्त विद्युत विनियामक आयोग (जेईआरसी) की सार्वजनिक सुनवाई में
कहा कि सार्वजनिक सुनवाई सिर्फÞ दिखावा है, क्योंकि कोई भी गंभीरता से काम
नहीं करता। अगर आयोग आदेश देता है तो विभाग उसे लागू करने की परवाह नहीं
करता और अंत में जनता को इसका खामियाजा भुगतना पड़ता है।
विभाग ने 61
फीडर-मीटर लाइनों पर उपलब्ध नहीं कराए हैं और दोषपूर्ण मीटरों को
प्रतिस्थापित नहीं किया है, जिसके बिना ऊर्जा का उचित लेखा परीक्षा संभव
नहीं हो सकता है। इस प्रकार, ऊर्जा-लेखा परीक्षा के बिना टैरिफ में वृद्धि
करना, अन्यथा जनता के साथ न्याय नहीं होगा।
रायपुर कलां में 66 केवी सब स्टेशन में करोड़ों की मशीनरी हुई कंडम
रायपुर
कलां में 66 केवी सब स्टेशन का निर्माण लगभग 10-12 साल पहले पूरा हो चुका
है, लेकिन स्टेशन को बिजली देने के लिए 66 केवी लाइन अभी तक नहीं बिछाई गई
है। यूटीईडी की चूक के कारण 15-20 करोड़ रुपये की मशीनरी की वारंटी आदि
समाप्त हो चुकी है। हम पिछले 5 सालों से इस मामले को उठा रहे हैं, लेकिन
यूटीईडी ने कुछ नहीं किया।
शहर में कालोनियों में यह एक तरह से बिजली
की चोरी कुंडी कनैक्शन से हो रही है, लेकिन यूटीईडी अधिकारियों के पास इस
पर कोई अंकुश नहीं है, जबकि एसई इलेक्ट्री के तहत प्रवर्तन विंग ऐसी चोरी
के लिए जिम्मेदार है। राजस्व की हानि आम आदमी पर बोझ के रूप में डाली जाती
है, जो यूटीईडी द्वारा की गई भयानक कार्रवाई है, साथ ही जबरदस्ती और अनुचित
भी है।
शहर में कनैक्शन बढ़कर 2 लाख 35 कनैक्शन, स्टाफ मात्र एक हजार
जेईआरसी
के समक्ष की सुनवाई के दौरान यूटी पॉवरमैन यूनियन ने विभाग में
कर्मचारियों की कमी, पोस्टें होने के बावजूद प्रमोशन न करने तथा सुरक्षा का
मुद्दा विशेष तौर पर उठाया। यूनियन के महासचिव गोपाल दत्त जोशी ने कमीशन
के सामने अपनी बात रखते हुए कहा कि विभाग में 30 साल पहले 1780 पोस्टें
थीं। उस समय कुल कनैक्शन 1 लाख 12 हजार थे, आज 30 साल बाद कनैक्शन बढ़कर 2
लाख 35 हजार से अधिक हो चुके हैं। लेकिन रेगुलर व कान्ट्रेक्ट
कर्मचारियों को मिलाकर भी गिनती घटकर 1000 से कम रह गयी है। उन्होंने
कमीशन से अपील की कि विभाग में सभी संशोधित पोस्टों में से खाली पड़ी 900 से
अधिक पोस्टों को रेगुलर तौर पर भरा जाये।
लाइन लॉस कम दिखाकर विभाग जेईआरसी की आंखों में धूल झोंक रहा
वहीं
एक अन्य प्रतिनिधि ने कहा शहर में बिजली विभाग का लाइन लॉस 32 प्रतिशत है
लेकिन यहां जेईआरसी को कम दिखाकर आंखों में धूल झोंकी जा रही है। शहर में
कुछ एरिया में ट्रांसफार्मर खराब पड़े हैं उन्हें बदलने के लिए प्रशासन
उन्हें ठीक नहीं करवा रहा है और बात रेट बढ़ाने की कर रहे हैं जो सरासर गलत
है।
शहर में अंडरग्राउंड केवल डालने का 20 करोड़ का प्रोजैक्ट सैक्टर 8
में पांच साल में पूरा नहीं हो पाया है तो पूरे शहर में यह कैसे होगा।
लोगों ने कहा कि विभाग के पास बिजली के मीटर तक नहीं है। लोगों को 8 माह से
एबरेज बिल दिये जा रहे हैं। प्रशासन पहले अपनी कमियों को सुधारे फिर रेटस
बढ़ाने की बात करे। उन्होंने कहा कि प्रशासन का काम केवल राजस्व कमाना ही
नहीं बल्कि लोगों को बेहतर सेवाएं भी देना है। लाभ पर चल रहे विभाग को
लोगों को सस्ती बिजली देनी चाहिए न कि रेटस को बढ़ाना चाहिए।
आप के
प्रतिनिधि चंद्रमुखी शर्मा ने कहा कि पहले प्रशासन बिजली विभाग में कमियों
को दूर करे और लोगों को बेहतर सुविधा प्रदान करे ताकि लोगों को बिजली के
लंबे कटों के चलते परेशान न होना पड़े। लोगों को अच्छी सर्विस मिलेगी तो
रेटस बढ़ेंगे अन्यथा नहीं।
शहर में इंडस्ट्रीज को बिजली नहीं मिलने से वह बंद होने के कगार पर
चंडीगढ़
इंडस्ट्रीज के प्रतिनिधि ने कहा कि शहर में इंडस्ट्रीज को पूरी बिजली नहीं
मिलने से वह बंद होने के कगार पर हैं। प्रशासन 14 किमी एरिया में लाइन लॉस
को कंट्रोल नहीं कर पा रहा है और ऊपर से विभाग की कमियों को आम लोगों पर
थोपने का प्रयास किया जा रहा है जो मंजूर नहीं। बिजली विभाग जेईआरसी के
निर्देशों का पालन करता नहीं और इस गलती को लोगों पर डालने की योजना बना
रहे हैं। इंडस्ट्रीयल एरिया में सोलर पैनल तो लगाए हैं लेकिन 8 साल से
बिजली विभाग सोलर एनर्जी को बिलों में एडस्ट नहीं कर पाया है।
कांग्रेस
के भूपेंद्र सिंह भूपी ने शहर में कुंडी कनैक्शनों की संख्या पर प्रशासन आज
तक लगाम नहीं लगा पाया है और इसका बोझ आम लोगों पर डाला जा रहा है।
उन्होंने कहा कि वह बिजली की दरें बढ़ाने का विरोध करते हैं।
शहर में कुंडी कनैक्शन खत्म कर कनैक्शन दें
कांग्रेस
के प्रवक्ता राजीव शर्मा ने कहा कि वह बिजली की दरें बढ़ाने का विरोध करते
हैं। शहर में कुंडी कनैक्शन खत्म कर उन्हें मीटर लगाकर 300 यूनिट फ्री
बिजली देने के लिए सरकार सबसिडी दे न कि आम लोगों पर बोझ डाला जाए। विभाग
की ओर से बिना आडिट करवाए उक्त प्रस्ताव को पेश करने पर आपत्ति दर्ज की।
राजीव ने कहा कि केंद्र सरकार के इशारे पर बिजली विभाग जो प्रोफिट पर चल
रहा है का निजीकरण करने का प्रयास किया जा रहा है जो पूरा नहीं होने दिया
जाएगा। उन्होंने कहा कि भाजपा के राज में लोगों को परेशान किया जा रहा है।
इस बात पर भाजपा के पूर्व मेयर अरुण सूद व अन्य प्रतिनिधि भड़क गए और देखते
ही देखते हंगामा हो गया। मामले को शांत करने के लिए पुलिस को बीच बचाव करना
पड़ा।
दस मिनट के हंगामे के बाद हरदीप सिंह ने शहर के गांवों में बिजली
की समस्या को रखा और कहा कि गांवों में जो लाइन एक बार बिछ गई हैं उन्हें
आज तक नहीं बदलने से लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
उन्होंने ने भी इस प्रस्ताव का विरोध किया और कहा कि पहले सर्विस को बेहतर
बनाए फिर इसकी बात करें।
पेंडू संघर्ष कमेटी से ज्ञानचंद ने शहर के 23
गांवों में बिजली की समस्या को रखते हुए प्रशासन व केंद्र सरकार की नीतियों
को जमकर कोसा। उन्होंने कहा कि बिजली विभाग का निजीकरण न किया जाए और
गांवों में बिजली के कटों से राहत प्रदान करें। उन्होंने कहा कि सरकार एवं
प्रशासन दोनों की बेइमान है। विभाग में कर्मियों की संख्या कम होगी तो
सेवाएं कैसे सुधरेंगी। सरकारी विभागों से करोड़ों का बकाया वसूला जाए।
भाजपा
के पूर्व मेयर अरुण सूद ने भी प्रशासन के बिजली दरों में बढ़ोतरी करने के
प्रसताव का विरोध किया। उन्होंने कहा कि विभाग जो यहां लाइन लॉस दिखा रहा
है वह सही मायने में झूठ है। उन्होंने कहा कि विभाग लाभ कमा रहा है तो यहां
बिजली सस्ती करनी चाहिए। शहर व गांवों में बिजली के रेट बढ़ाने का जो
प्रस्ताव तैयार किया है वह इसका विरोध करते हैं। जिस स्मार्ट सिटी में दिन
में लाइटें जली रहती हैं और रात को बंद होती है। विभाग के पास उपकरणों के
साथ अंडरग्राउंड लाइनों में फाल्ट पकड़ने के लिए मशीन तक नहीं है। चंडीगढ़
में बिजली विभाग के हालात दूसरे राज्यों से बुरे हैं। उन्होंने कहा कि शहर
में पहले सुविधाओं को बेहतर बनाएं फिर रेटस की बात हो।
वहीं सूद ने इस
दौरान आप-कांग्रेस पर कटाक्ष करते हुए कहा कि न तो इस हेयरिंग में शहर का
मेयर है और न ही सांसद। इन दोनों को शहर के लोगों की समस्या को उठाने के
लिए आना चाहिए था। इस पर आप व कांग्रेस की ओर से जमकर हंगामा किया गया। बात
फिर से हाथा पाई तक आई गई लेकिन पुलिस ने दोनों के बीच में आकर उन्हें
रोकते रहे और इस बीच जेईआरसी के चेयरपर्सन व सदस्य बैठक से उठकर चले गए।
इस दौरान बार बार राजनीतिक दलों के नेताओं को शांत रहने को कहते रहे
लेकिन किसी ने एक नहीं सुनी और बैठक अधूरी ही रह गई।
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