चंडीगढ़। चंडीगढ़ में लगभग 200 धार्मिक संस्थानों को नगर निगम, प्रशासन, वन विभाग एवं एस्टेट ऑफिस की तरफ से डिमोलिशन नोटिस भेजे गए थे। इस संबंध में पूर्व चंडीगढ़ भाजपा अध्यक्ष एवं पूर्व मेयर अरुण सूद ने भाजपा नेताओं सहित चंडीगढ़ प्रशासक से अनुरोध कर यह कार्रवाई रुकवाई थी।
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इस समस्या के स्थाई समाधान पर चर्चा करने के लिए अरुण सूद ने गुरुद्वारा संतसर साहिब सेक्टर 38 वेस्ट में गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटीयों की एक बैठक बुलाई, जिसमें गुरुद्वारा कमेटियों के सदस्यों ने हिस्सा लिया जिनको प्रशासन की तरफ से डिमोलिशन के नोटिस मिले थे।
अरुण सूद ने बताया के बैठक में कुछ नए तथ्य सामने आए हैं जैसे के गुरुद्वारा साहिब सेक्टर 39 एक पुरातन एतिहासिक स्थान है जहां गुरु नानक देव जी के ज्येष्ठ सुपुत्र बाबा चंद का आगमन हुआ था, बाबा चंद ने ही उदासी सम्प्रदाय की शुरुआत की थी। यह जमीन बढ़हैडी ग्राम की पंचायत ने एतिहासिक महत्व को समझते हुए गुरुद्वारा स्थापित करने के लिए दान दी थी और जब प्रशासन ने इसका अधिग्रहण किया तो पंचायत ने अधिग्रहण का मुआवजा भी नहीं लिया था यह स्थान तो चंडीगढ़ के बनने से भी सैंकड़ों साल पुराना है।
ऐसे ही गुरुद्वारा संतसर साहिब 38 वेस्ट और गुरुद्वारा साहिब सेक्टर 54
की जमीन गुरुद्वारा कमेटीयो ने सीधे किसानों से खरीदी थी और रजिस्ट्री भी करवाई थी, लेकिन बाद मे यह जमीन प्रशासन द्वारा अधिग्रहण कर ली गई। प्रशासन की नीति है के हर सेक्टर में कम से कम एक मंदिर और गुरुद्वारा बने, ध्यान देने की बात है के सेक्टर 54 और सेक्टर 38 वेस्ट में इन गुरद्वारों के अतिरिक्त कोई और गुरुद्वारा नहीं है।
सेक्टर 37 सी की EWS कॉलोनी का गुरुद्वारा साहिब भी 1996 से लेकर लगभग 29 साल से स्थापित है।
बैठक में निर्णय लिया गया कि प्रत्येक गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी निजी तौर पर डिमोलिशन नोटिस का जवाब उपरोक्त तथ्यों के आधार पर प्रशासन को देंगी और जल्द ही प्रशासक से समय लेकर इस समस्या के स्थाई समाधान के लिए अनुरोध किया जाएगा।
एक मत से प्रशासक को अपील की गई के इन स्थानों के महत्व को समझते हुए इन गुरुद्वारा साहिब की जमीन को रियायती दरों पर गुरद्वारों के लिए आबंटित किया जाए ।
अरुण सूद ने बताया के कल ऐसे ही चंडीगढ़ के मंदिरों के विषय में भी ऐसी बैठक सनातन धर्म मंदिर सेक्टर 15 में शाम 4 बजे हिंदू पर्व महासभा के मार्गदर्शन में रखी गई है जिसमें जिन मंदिरों को प्रशासन की तरफ से डिमोलिशन नोटिस मिले हैं पर विचार किया जाएगा।
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