चंडीगढ़। चौबीस घंटे दुकान खोलने का प्रशासन के फैसले का विरोध करते हुए चंडीगढ़ कांग्रेस के महासचिव यादविंदर मेहता ने कहा कि चुने हुए प्रतिनिधियों और दुकानदारों से बिना पूछे चौबीस घंटे दुकान खोलने का फैसला चंडीगढ़ में लोकतांत्रिक प्रक्रिया को कमजोर करने की कोशिश है। ना ही किसी शहर के चुने हुए जनप्रतिनिधि जैसे सांसद, मेयर, पार्षद विभिन्न राजनीतिक पार्टी के प्रतिनिधि, मार्किट कमेटियों से बिना विचार विमर्श किया लागू करना बेहद निंदनीय है।
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रात को हर ट्रेड की दुकानें खोलना मुश्किल ही नहीं नामुमकिन है। बहुत गंभीर सवाल उत्पान हो रहे है। क्या सराफा बाजार रात में खोलना सुरक्षा के मद्देनजर सही रहेगा? कपड़े, पेंट, हार्डवेयर, टेलर, फोटो फ्रेम, मोबाइल, बर्तनों, टॉयज शाप, घड़ियों, गिफ्ट शाप, कोस्पेस्टिक शाप, फर्नीचर, सैलून आदि की दुकानों को रात को खोलना से शहर की व्यवस्था चर्मरा जायेगी। एक तरफ अगर जॉब की बढ़ेगी दूसरी तरफ दुकानदारों का खर्च कई गुना बढ़ेगा। रात की सफाई व्यवस्था, दोगुनी सुरक्षा, बिजली, पानी आदि बहुत सी चीजों की डिमांड दोगुनी हो जाएगी।
प्रशासन कहीं अगर जनप्रतिनिधियों से इसपर बातचीत करता तो कहीं महत्वपूर्ण सुझाव मिलते। रात को दवाइयों की दुकान या खानेपीने की ( इटरी ) को चौबीस घंटे खोलने के बारे में सोचा जा सकता है लेकिन रात को बाकी ट्रेड की दुकानें खोलना बहुत गंभीर स्तिथि पैदा कर देगी। प्रशासन जल्द इस फैसले को वापिस ले और इस पर बेहद गंभीर विचार विमर्श करने के बाद ही आगे बढ़ना चाहिए।
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