चंडीगढ़। चंडीगढ़ लॉन टेनिस एसोसिएशन (सीएलटीए) ने एक प्रतिभाशाली टेनिस खिलाड़ी का मनोबल गिराने की कोशिश करते हुए चंडीगढ़ के नंबर 1 मैन्स सिंगल्स पुरुष एकल टेनिस खिलाड़ी नीरज यशपॉल को सपोर्ट करने और सिंगल्स में वाइल्ड कार्ड देने से मना कर दिया है। नीरज के पिता और कोच अजय यशपॉल ने अपने बेटे के खिलाफ सीएलटीए की 'साजिश' को उजागर करने के लिए एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में मीडियाकर्मियों से बातचीत की।
अजय ने मीडिया को बताया कि चंडीगढ़ के नंबर 1 खिलाड़ी होने के आधार पर, नीरज ने 16 मार्च तक चंडीगढ़ में आयोजित होने वाले आईटीएफ मैन्स टेनिस टूर्नामेंट में मेन ड्रॉ वाइल्ड कार्ड के लिए आवेदन किया था। उन्होंने कहा कि "पिछले साल की तरह, उन्हें सिंगल्स में मेन ड्रॉ के लिए कोई वाइल्ड कार्ड नहीं मिला, जो उनके पेरेंट एसोसिएशन सीएलटीए द्वारा उनके साथ की जा रही निरंतर उपेक्षा का सबूत है। सीएलटीए मेरे बेटे के करियर को बर्बाद करना चाहता है।" ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
अजय ने कहा कि सीएलटीए की इस हरकत ने न केवल इंटरनेशनल टेनिस टूर्नामेंटों में उनकी एंट्री को रोक दिया है, बल्कि उन्हें अपनी कोचिंग टीम के साथ ट्रेनिंग लेने के लिए सीएलटीए में प्रेक्टिस सुविधाओं से भी वंचित कर दिया है। अजय ने कहा कि "यह नंबर 1 खिलाड़ी का अधिकार है कि वह पेरेंट एसोसिएशन की सुविधा में प्रशिक्षण ले और सीएलटीए में आयोजित होने वाले आईटीएफ टूर्नामेंटों में वाइल्ड कार्ड एंट्री भी प्राप्त करे।"
अजय ने आगे कहा कि जब उन्होंने नीरज को अपनी कोचिंग टीम के साथ ट्रेनिंग देने की अनुमति के लिए सीएलटीए में आवेदन किया था, तो उनके आवेदन को ठंडे बस्ते में डाल दिया गया। अजय ने बताया कि खेल विभाग के माध्यम से नीरज को प्रवेश दिलाने के मेरे प्रयासों को भी एक सोची-समझी साजिश के तहत विफल कर दिया गया।
अजय ने कहा कि "मैं ये समझने में असमर्थ हूं कि सीएलटीए नीरज के साथ ऐसा व्यवहार क्यों कर रहा है, चंडीगढ़ में नंबर 1 लॉन टेनिस खिलाड़ी होने के अलावा, वे पिछले 5 वर्षों में भारत में मैन्स सिंगल्स में 15 वीं रैंकिंग हासिल करने वाले चंडीगढ़ के एकमात्र खिलाड़ी हैं । उनके नाम कई उपलब्धियां हैं जैसे कि प्रमुख एआईटीए मैन्स पुरुष टूर्नामेंट जीतना। वह 'खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स' के पहले एडीशन में सिल्वर मेडल विजेता, इंटर-कॉलेज टेनिस चैंपियनशिप में दो बार गोल्ड मेडल विजेता और इंटर-यूनिवर्सिटी टेनिस चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल विजेता हैं।"
अजय ने दुख जताया कि सीएलटीए की उदासीनता के कारण उन्हें नीरज को अलग-अलग सुविधाओं में ट्रेनिंग देनी पड़ रही है, जो कई बार तय स्टैंडर्ड्स के अनुरूप नहीं थे, और इस वजह से उन्हें नीरज के साथ चंडीगढ़ छोड़ना पड़ा। उन्होंने कहा कि " आखिरकार तंग होकर, मैं अपने बेटे के लिए बेहतर ट्रेनिंग के अवसरों के लिए दिल्ली चला गया। हालांकि अब हम वापस आ गए हैं, फिर भी मेरे बेटे को सीएलटीए द्वारा वाइल्ड कार्ड देने से मना किया जा रहा है। इतना ही नहीं, आज भी उसे सीएलटीए के कोर्ट में जाने नहीं दिया जा रहा है, जो कि उसका अधिकार है।"
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