- फिरौती ना मिलने पर कि थी फायरिंग, एनआईए कर रहा केस की जांच
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चंडीगढ़। कारोबारी कुलदीप सिंह मक्कड़ के घर पर हुई फायरिंग के मामले में राष्ट्रीय जांच एजेंसी(एनआईए) ने अमेरिका में छिपे आतंकी गोल्डी बराड़ समेत 10 आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की थी। अब कोर्ट ने 8 आरोपियों के खिलाफ आरोप तय कर दिए है। बाकी अन्य दो आरोपी विदेश में बैठे गैंगस्टर गोल्डी बराड़ व गोल्डी ढिल्लों उर्फ गोल्डी राजपुरा को पुलिस गिरफ्तार नहीं कर पाई है। अब इन 8 अरोपियों पर केस चलना तय है। मामले की सुनवाई के लिए अगली तिथी 22 नवंबर तय की गई है। आरोपियों पर यूएपीए एक्ट और आर्म्स एक्ट के तहत आरोप तय किए गए हैं। मामले में मुख्य आरोपी गोल्डी बराड़, गुरप्रीत सिंह उर्फ गोल्डी ढिल्लों उर्फ गोल्डी राजपुरा, गुरविंदर सिंह उर्फ लोदी, काशी सिंह उर्फ हैरी, शुभम कुमार गिरी उर्फ पंडित, अमृतपाल सिंह उर्फ गुज्जर, कमलप्रीत सिंह, प्रेम सिंह, सबरजीत सिंह उर्फ सरबू और गगनदीप सिंह गोल्डी शामिल हैं। एनआईए ने जून 2024 में गोल्डी बराड़ और गोल्डी ढिल्लों पर 10-10 लाख रु पये का इनाम घोषित किया था। एनआईए ने गोल्डी बराड़ को इस मामले में मुख्य साजिशकर्ता बताया था। उस पर भारत में आतंकवादी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए एक आतंकवादी गिरोह बनाने का आरोप है। जबकि उसके करीबी सहयोगी गुरप्रीत सिंह उर्फ गोल्डी ढिल्लों को इस मामले में सह-साजिशकर्ता बताया गया है।
पहले फोन कर फिरौती मांगी, फिर की फायरिंग :
यह घटना इसी साल 19 जनवरी 2024 की है। जब चंडीगढ़ के एक मशहूर कारोबारी के घर के बाहर फायरिंग हुई थी। उस समय पता चला था कि हमलावर बाइक पर सवार होकर आए थे। उन्होंने 5 गोलियां भी चलार्इं। गोलियां कार में लगीं। कोई जनहानि नहीं हुई। हालांकि फायरिंग की घटना से 15 दिन पहले कारोबारी के घर पर छापेमारी की गई थी। उसके बाद कारोबारी के घर पर फिरौती के लिए फोन आया था। फोन करने वाले ने खुद को आतंकी गोल्डी बराड़ बताया था। इसके बाद चंडीगढ़ पुलिस ने फायरिंग और फिरौती मांगने का मामला दर्ज किया था। गोल्डी बराड़ का नाम सामने आने के बाद एनआईए ने जांच शुरू कर दी थी । 8 मार्च को एनआईए ने नया केस को अपने हाथ में ले लिया था। इसके बाद एक नई एफआईआर दर्ज की गई। फिर गोल्डी बराड़ के कुछ गुर्गे पकडेÞ गए। जिन्होंने पूछताछ में कई खुलासे किए थे, उन्होंने बताया कि गोल्डी बराड़ व गोल्डी ढिल्लों ने उन्हें गिरोह में शामिल किया था । जांच में सामने आया है कि गोल्डी बराड अपने भारत में मौजूद नेटवर्क के सहारे पंजाब, चंडीगढ व अन्य राज्यों में जबरन वसूली का एक जबरदस्त नारको नेटवर्क चला रहा है। व्यापारी और अमीर लोग उसके निशाने पर होते थे। पहले वह ऐसे लोगों की पहचान कर उनको फिरौती के लिए फोन करते है। पैसे का भुगतान न होने पर वह उक्त लोगों को निशाना बनाते हैं या फिर उनके घरों पर हमला करते हैं। वहीं, यह गिरोह हथियारों की खरीद फरोख्त व नशीले पदार्थों की तस्करी में शामिल है। पंजाब पुलिस ने भी गिरोह के कुछ सदस्य अभी काबू किए हैं। वहीं, गोल्डी बराड़ और गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई मिलकर काम करते हैं। आजकल वह ही विदेश से बैठकर सारा नेटवर्क चला रहा है। गायक सिद्धू मूसेवाला हत्याकांड में भी शामिल था।
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