24 घंटे जल आपूर्ति पेन प्रोजेक्ट की चर्चा के लिए बुलाई गई विशेष सदन बैठक
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चंडीगढ़। शहर में चालीस वर्ष पूर्व बिछाई गई पाइप लाइन का हाल यह है कि कहीं वॉटर लीकेज हो जाएं तो निगम ट्रेस यानी ढूंढ नहीं पाता है। इतना ही नहीं कजौली वॉटर वर्क्स अपग्रेड किया जाना जरूरी है, ऐसे हालात है कि शहर में जल संकट गहरा सकता है। भूजलस्तर पर भी कोई अच्छे संकेत नहीं है, शहर का भूजलस्तर नीचे गिरता जा रहा है अब आरेंज स्टार मिला हुआ है। शहर में पानी की जल आपूर्ति नेटवर्क पुराना हो चुका है।
शुक्रवार को मेयर कुलदीप कुमार की अगुआई में बुलाई गई विशेष सदन बैठक में 24 घंटे जल आपूर्ति पेन प्रोजेक्ट को लेकर विस्तृत से हुई चर्चा में संभावित जल संकट की स्थिति पर चौकाने वाले तथ्य सामने आएं। डिटेल रिपोर्ट में सदन को यह बताने का प्रयास किया गया कि क्यों आखिर यह प्रोजेक्ट शहर के लिए जरूरी है। रिपोर्ट में इसके एग्रीमेंट, फंडिंग और लोन के बारे में भी जानकारी दी गई।
अंत में निर्ष्कष यह निकला कि यह प्रोजेक्ट लागू रहेगा। वैसे, गठबंधन आप-कांग्रेस के मेयर की ओर से बुलाई गई विशेष बैठक पर विपक्ष भाजपा ने सवाल उठाए। गठबंधन के अधिकतर पार्षद 24 घंटे पानी के प्रोजेक्ट का विरोध करते दिखे तो भाजपा ने इसका समर्थन किया। सदन के समक्ष यह भी बात सामने लाई गई कि पानी के बिल कई अधिक आते हैं।
वहीं, यह बैठक प्रोजेक्ट में एग्रीमेंट होने के बाद आज तक की तारिख में किस तरह की प्रक्रिया अपनाई गई और नगर निगम इस पर कितना वित्तीय बोझ पड़ेगा इसे लेकर केंद्रित थी। जानकार भले ही निगम के एक्ट तकनीकी तौर पर इस बैठक को सार्थक ना माने यह बहस का मुद्दा आगे भी रह सकता है हालांकि कुछ ही महीनों में गर्मियों के आगमन और शहरवासियों के जानकारी हासिल करने के नजरिए से बैठक का आयोजन महत्वपूर्ण रहा।
कुल मिलाकर शहर में जल आपूर्ति सिस्टम की वास्तविकता सामने आई
वहीं, बैठक में प्रोजेक्ट को लेकर पांच पेज की स्टेटस रिपोर्ट सदन में पेश की गई। खुद निगम कमिश्नर अनिंदिता मित्रा ने प्रोजेक्ट की भविष्य में महत्वत्ता और इसकी जरूरत के बारे में सदन को विस्तृत से जानकारी दी। इसी जानकारी में ही गिरते भूजल स्तर, वॉटर लीकेज और कजौली वॉटर वर्क्स की अपग्रेडेशन की बात सामने आई।
फ्रांसीसी बैंक एजेंस डी फ्रैंकेइस को 15 वर्षो तक एक मिलियन यूरो चुकाना होगा
बैठक के दौरान जानकारी दी गई कि शहर में 24 घंटे पानी की आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए चंडीगढ़ को अगले 15 वर्षों तक हर तिमाही में फ्रांसीसी बैंक एजेंस डी फ्रैंकेइस (एएफडी) को एक मिलियन यूरो चुकाना होगा। सिविक बॉडी की ओर से उपलब्ध कराए गए विवरण के अनुसार, 48 मिलियन यूरो का लोन , जो भारतीय मुद्रा में 412 करोड़ रुपये है, को 7 दिन 24 घंटे के पूरा होने के बाद 15 साल की अवधि में चुकाना आवश्यक है। जलापूर्ति परियोजना दिसंबर 2029 से तिमाही आधार पर शुरू होगी। किस्त लगभग 1 मिलियन यूरो तिमाही यानी 10 करोड़ रुपये होगी।
20 हजार लीटर या 40 हजार लीटर बैमाना वायदा
शहर में जल आपूर्ति और सुविधाओं की स्थिति को लेकर जिस तरह के तथ्य सामने लाए गए उस लिहाज से राजनीतिक दलों के 20 से 40 हजार लीटर फ्री के वायदे और दावे बैमाने प्रतीत होते दिख रहे हैं। संभव है कि इसके बाद भी आने वाले लोक सभा चुनाव में पानी के मसले को भुनाया जा सकता है। 11 मार्च को घोषित मुफ्त पानी योजना पर विवाद के बीच मेयर कुलदीप कुमार ने यह बैठक बुलाई थी। बैठक में अधिकारियों ने बताया कि चंडीगढ़ नागरिक निकाय ने परियोजना के लिए एएफडी से 48 मिलियन यूरो का लोन लिया है।
मनीमाजरा में प्रोजेक्ट जल्द ही लांच होने वाला
सदन को निगम कमिश्नर ने बताया कि एक लाख की आबादी वाले मनीमाजरा में 24 घंटे जल आपूर्ति का प्रोजेक्ट जल्द ही लांच होने वाला है। उन्होंने आगे बताया कि वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट भी अपग्रेड किए जाएंगे।
इसी तरह जल आपूर्ति प्रणाली की मैनेजमेंट 55 डिस्ट्रिक्ट मीटर एरिया और 6 जोन के जरिए की जाएगी। 270 किलोमीटर वॉटर सप्लाई पाइप लाइन बदली जाएगी। पुरानी पंपिंग मशीनरी इनर्जी क्षमता वीएफटी पंप के जरिए बदली जाएगी। सभी वॉटर मीटर स्मार्ट मीटर से बदले जाएंगे इनमें सर्विस कनेक्शन भी शामिल होगा। स्काडा से सही समय की मॉनेटिरिंग की जाएगी।
पूरे आधारभूत ढांचे की जीआईएस मैपिंग की जाएगी।
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