चंडीगढ़। केंद्रीय प्रशासनिक न्यायाधिकरण (कैट) की चंडीगढ़ पीठ ने चंडीगढ़ पुलिस में कांस्टेबल (कार्यकारी) के पदों पर हुई भर्ती में ओबीसी-पुरुष श्रेणी के परिणाम घोषित करने पर रोक लगा दी है। कैट ने इसे लेकर गृह मंत्रालय, चंडीगढ़ प्रशासन और डीजीपी को भ्री निर्देश जारी कर दिए है।
मामले में कुछ ओबीसी (जाट) उम्मीदवारों ने यूटी के उस फैसले को चुनौती देते हुए कैट में याचिका दायर की थी। जिसमें उन्हें कांस्टेबल (कार्यकारी) के पदों पर नियुक्ति के लिए दस्तावेजों के सत्यापन के समय इस आधार पर अयोग्य घोषित कर दिया गया कि जाट जाति यूटी चंडीगढ़ की ओबीसी सूची में शामिल नहीं है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
वह भी इस तथ्य के बावजूद कि उक्त जाति को ओबीसी की केंद्रीय सूची में शामिल कर रखा गया है। बता दें कि चंडीगढ़ पुलिस में कांस्टेबल (कार्यकारी) के पदों पर होने वाली भर्ती में ओबीसी पुरुष श्रेणी के कुल 104 पद है। मामले की अगली सुनवाई के लिए 5 दिसंबर की तारीख तय की गई है।
आवेदकों को केंद्र की तर्ज पर दिया जाए लाभः
एडवोकेट डीआर शर्मा ने ट्रिब्यूनल में तर्क देते हुए कहा कि जहां तक ओबीसी का सवाल है, इस वर्ग को आरक्षण का लाभ केंद्र सरकार की तर्ज पर दिया जाए। दिया कि ओबीसी श्रेणी के आवेदकों को आरक्षण का लाभ केंद्र सरकार की तर्ज पर दिया जाए। इसमें ओबीसी को केंद्रीय सूची और यूटी प्रशासन की सूची में शामिल किया जाए। आवेदकों की तरफ से यह भी कहा गया कि निर्देशों की व्याख्या पंजाब व हरियाणा उच्च न्यायालय ने एक मामले में भी थी।
जानिए, आखिर क्या है मामलाः
यूटी पुलिस ने सितंबर 2022 में कांस्टेबल (कार्यकारी) के 700 पदों पर भर्ती निकाली थी। जिसकी भर्ती प्रक्रिया मई 2023 में शुरू की गई थी। निकाले गए कुल पदों में से 104 पद ओबीसी पुरुष श्रेणी के लिए आरक्षित थे। जिसमें जाट जाति के कुछ आवेदक रिटन, फिजिकल और मेडिकल टेस्ट पास कर चुके हैं। डाक्यूमेंट्स वेरिफिकेशन के दौरान इन उम्मीदवारों को अयोग्य घोषित कर दिया गया। 29 दिसंबर तक डाक्यूमेंट्स वेरिफिकेशन प्रक्रिया पूरी हो जाएगी।
प्रशासन ने जाट उम्मीदवारों को अयोग्य घोषित किया थाः
आवेदकों की तरफ से दायर याचिका में उनके वकील एडवोकेट डीआर शर्मा ने बताया कि प्रशासन ने याचिकाकर्ता उम्मीदवारों को इस आधार पर अयोग्य घोषित कर दिया कि जाट जाति चंडीगढ़ प्रशासन की ओबीसी सूची में शामिल नहीं है। डीआर शर्मा ने कहा कि जाट जाति को ओबीसी की केंद्रीय सूची में शामिल किया गया है और चंडीगढ़ में केंद्रीय सेवा नियम लागू होतें हैं। ऐसे में इन आवेदकों को अयोग्य घोषित करना कानून के खिलाफ है।
दलीलें सुनने के बाद, बेंच ने कहा, इस ट्रिब्यूनल ने मामले पर विचार किया है और इस स्तर पर उत्तरदाताओं के वकील द्वारा सूचित किया गया है कि आवेदकों के आवेदन के बावजूद आज तक अंतिम परिणाम घोषित नहीं किया गया है। ऐसी स्थिति को देखते हुए, उत्तरदाताओं को निर्देश दिया जाता है कि वे कांस्टेबल (कार्यकारी) पद के लिए ओबीसी-पुरुष श्रेणी के उम्मीदवारों का परिणाम अगली तारीख तक घोषित न करें।
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