आमिर खान, सलमान खान, शाहरुख खान। हिंदी फिल्म इंडस्ट्री की खान त्रिमूर्ति। तीनों का अलग अंदाज और अपनी-अपनी फैन फॉलोइंग। इन्हें क्रमशः मिस्टर परफेक्शनिस्ट, शोबिज किंग और बॉलीवुड के बादशाह के नाम से जाना जाता है।
यह तिकड़ी 2025 में 60 साल की हो रही है (आमिर मार्च में, शाहरुख नवंबर में और सलमान दिसंबर में)। लगभग 35 साल पहले अपनी सिनेमाई यात्रा शुरू करने के बाद से इन्होंने अपने करियर के स्वर्णिम दिन देखे।
आमिर और सलमान ने 1980 के दशक के अंत में अपने करियर की शुरुआत की, जबकि शाहरुख खान ने 1990 के दशक की शुरुआत में फिल्म इंडस्ट्री में कदम रखा।
आमिर खान की पहली फिल्म कयामत से कयामत तक बॉक्स ऑफिस पर हिट रही और फिल्म के बॉय-नेक्सट-डोर ने खुद को इंडस्ट्री का एक भरोसेमंद सितारा बना लिया। सलमान ने मैंने प्यार किया के साथ सफलता का स्वाद चखा और फिर एक के बाद एक हिट फिल्मों के साथ अपनी जगह मजबूत की। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
शाहरुख ने 1992 में फिल्म दीवाना से अभिनय की शुरुआत की और इसके बाद अपने आप को अभिनेता और निर्माता दोनों के रूप में स्थापित किया। लगभग 30 सालों तक आमिर, सलमान और शाहरुख को उनके हुनर के मास्टर के रूप में जाना गया। ऐसा लगता था कि पूरी हिंदी फिल्म इंडस्ट्री इन्हीं के इर्द-गिर्द घूमती है।
इनके नाम सफलता का पर्याय बन गए। इनके नाम या किसी भी प्रोजेक्ट से जुड़ने मात्र से बॉक्स ऑफिस पर धमाल हो जाता था। लेकिन, 2018 में उनकी लोकप्रियता में गिरावट आनी शुरू हो गई।
आमिर की "ठग्स ऑफ हिंदोस्तान", शाहरुख की "ज़ीरो", और सलमान की "रेस 3" बुरी तरह फ्लॉप रहीं।
दर्शकों के पास नई कहानियों की कमी और खान तिकड़ी का पुराना स्टाइल दर्शकों को आकर्षित नहीं कर पाया।
इस समय, नए और प्रतिभाशाली कलाकारों जैसे कार्तिक आर्यन, आयुष्मान खुराना, रणबीर कपूर, रणवीर सिंह, विक्की कौशल और राजकुमार राव ने अपनी काबिलियत से इंडस्ट्री में धाक जमाई। आयुष्मान की "अंधाधुन" और "बधाई हो" ब्लॉकबस्टर रहीं और इन्हें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार भी मिले। रणबीर कपूर की "संजू", हिंदी सिनेमा की सबसे बड़ी हिट्स में से एक साबित हुई। कार्तिक आर्यन की "सोनू के टीटू की स्वीटी" भी बड़ी हिट रही। रणवीर सिंह की "पद्मावत" और "सिंबा" को जबरदस्त प्रतिक्रिया मिली।
विक्की कौशल और राजकुमार राव ने "राज़ी" और "स्त्री" में अपने अभिनय कौशल से दर्शकों को प्रभावित किया।
मनोज बाजपेयी, के के मेनन, पंकज त्रिपाठी, जयदीप अहलावत, नवाजुद्दीन सिद्दीकी, विक्रांत मैसी और दिव्येंदु जैसे अभिनेताओं ने भी डिजिटल प्लेटफॉर्म्स की मदद से अपनी पहचान बनाई। खान तिकड़ी की लोकप्रियता में गिरावट और नई पीढ़ी के सितारों का उदय यह दिखाता है कि दर्शकों का रुझान बदल रहा है। अब दर्शक खान तिकड़ी के पुराने मनोरंजन के तरीके को खारिज कर रहे हैं।
आमिर खान, सलमान खान और शाहरुख खान का जादू अब पहले जैसा नहीं रहा। दर्शक अब औसत दर्जे के सिनेमा के लिए समय नहीं निकालते। उन्हें केवल सार्थक और प्रभावशाली सिनेमा चाहिए।
आमिर खान को 2018 में "ठग्स ऑफ हिंदोस्तान" की असफलता के बाद बड़ा झटका लगा। उनकी बहुप्रतीक्षित फिल्म "लाल सिंह चड्ढा" भी बुरी तरह फ्लॉप रही। इसके बाद, पिछले दो सालों में उनकी कोई फिल्म रिलीज नहीं हुई।
सलमान खान का करियर भी ढलान पर है। उनकी फिल्में जैसे "भारत", "दबंग 3", "राधे", "अंतिम", और "किसी का भाई किसी की जान" फ्लॉप या औसत रहीं। 2024 में उनकी कोई फिल्म रिलीज नहीं हुई। शाहरुख खान को पांच साल बाद सफलता मिली। 2023 में उनकी फिल्म "पठान" को विवादों के बावजूद ब्लॉकबस्टर घोषित किया गया। उनकी दूसरी फिल्म "जवान" बड़ी हिट साबित हुई, लेकिन "डंकी" असफल रही।
यह संदेश स्पष्ट है कि अब अजेय भी पराजित हो सकते हैं। दर्शक अब केवल उत्कृष्टता को महत्व देते हैं। खान तिकड़ी को बदलते समय के साथ खुद को बदलना होगा। दर्शकों, विशेष रूप से युवा पीढ़ी, के पास अब औसत मनोरंजन के लिए समय नहीं है। यदि खान तिकड़ी ने खुद को नए दौर के अनुरूप नहीं बदला, तो उनकी चमक और ज्यादा फीकी पड़ सकती है।
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