प्रधान ने आईएएनएस को बताया है कि वर्ष 2011 में माला नामक एक हथिनी उपहार
स्वरूप उन्हें मिली थी, और वह गर्भवती थी। कुछ महीनों बाद उसने एक हथिनी को
जन्म दिया, जिसका नाम उन्होंने रानी रखा। रानी के जन्म के छह महीने बाद ही
उसकी मां की मौत हो गई। ये भी पढ़ें - यह है मंकी मैन! कारनामे जान रह जाएंगे दंग
उन्होंने कहा कि रानी को उन्होंने अपने बच्चों की तरह पाला है। उनका कहना है कि इसे बचपन में चार गायों के दूध पिलाया जाता था।
प्रधान
द्वारा किसी हथिनी के जन्मदिन पर इस तरह के समारोह के आयोजन की हर ओर
चर्चा है, तथा इस अनोखे समारोह में शामिल लोगों ने प्रधान के इस पशु प्रेम
की सराहना की है।
समारोह में भाग लेने पहुंचे समस्तीपुर के वरिष्ठ
पत्रकार विभूति कुमार कहते हैं, "पशु के प्रति ऐसा स्नेह, प्रेम और संवेदना
पहले कभी देखने को नहीं मिला। यह सराहनीय है। लोगों को इससे प्रेरणा
मिलेगी कि इंसानों के साथ-साथ जानवरों के लिए लोग सोचेंगे।"
जन्मदिन
समारोह में भाग लेने पहुंचे लोगों का कहना है कि महेंद्र प्रधान का यह पशु
प्रेम समाज के लिए एक मिसाल है। रानी समस्तीपुर का गौरव है।
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