पटना । राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के प्रमुख लालू यादव द्वारा बिहार की कानून-व्यवस्था पर सवाल उठाए जाने के बाद सियासत तेज हो गई है। जदयू ने लालू यादव को नसीहत दी है कि ट्वीट-ट्वीट खेलना बंद कीजिए। जदयू के बयान पर अब राजद सांसद मनोज कुमार झा ने पलटवार किया। उन्होंने कहा कि यह चिंता बिहार की सामूहिक चेतना और राज्य की वर्तमान स्थिति से उपजी है।
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राजद के राज्यसभा सांसद मनोज कुमार झा ने लालू प्रसाद यादव के बयान पर आईएएनएस से बात करते हुए कहा, "कृपया इसे ट्वीट न कहें, यह वास्तविक चिंता का प्रतिबिंब है और यह चिंता बिहार की सामूहिक चेतना और राज्य की वर्तमान स्थिति से उपजी है। आप सिर्फ देखिए कि क्या हो रहा है। चाहे वह विपक्ष के नेता हों, हमारे राष्ट्रीय अध्यक्ष हों या हमारे पार्टी के सदस्य हों। अगर आप हाल के दिनों में विभिन्न जिलों में गतिविधियों को देखेंगे, तो आपको पैटर्न दिखाई देगा।"
सांसद मनोज कुमार झा ने कहा, "एक दिन बलात्कार की घटना होती है, अगले दिन मौत होती है और हत्या के अगले दिन डर का माहौल होता है। बिहार में जिस तरह का माहौल है, उसके कारण घर से निकलने वाले लोग सिर्फ भगवान का नाम लेते रहते हैं। अगर आप कानून व्यवस्था के आंकड़ों पर नजर डालें तो वह दहलाकर रख देंगे। सबसे बड़ी चिंता की बात यह है कि बिहार को कौन चला रहा है? क्या मुख्यमंत्री को ज्ञान है कि यहां क्या हो रहा है? अगर उनको इन घटनाओं का ज्ञान है और उसके बावजूद ऐसा कुछ होता है तो यह चिंता की बात है।"
उन्होंने कहा, "मुझे लगता है कि उन (नीतीश कुमार) तक बातें पहुंच नहीं रही हैं। कुछ अधिकारियों द्वारा या फिर दिल्ली के इशारे पर उनका विजन ब्लॉक कर दिया गया है और मुझे लगता है कि यह बिहार के लिए चिंता की बात है।"
राजद प्रमुख लालू यादव ने 'एक्स' पर मंगलवार को बिहार की कानून व्यवस्था को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को घेरते हुए लिखा, "नीतीश बताएं कि शाम पांच बजे से पहले घर में घुसकर ही कितनी हत्याएं हो रही हैं? क्या नीतीश जानते, पहचानते व समझते हैं कि उनके शासनकाल में आधिकारिक आंकड़ों में 65,000 हत्याएं हुई हैं? 65,000 लोगों की हत्याएं हुई हैं। नीतीश-भाजपा ने विधि व्यवस्था का दम ही नहीं निकाला, बल्कि उसका अंतिम संस्कार भी कर दिया है। बिहार में इतनी भ्रष्ट, लापरवाह और कामचोर पुलिस कभी भी नहीं रही।"
--आईएएनएस
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