पटना। भाजपा नीत एनडीए की केंद्र में सरकार बनने के बाद मंत्रिमंडल के सदस्यों के बीच विभागों का बंटवारा कर दिया गया है। बिहार में केंद्रीय मंत्रियों को जिन विभागों का दायित्व सौंपा गया है, उससे प्रदेश के विकास को नई ऊंचाई मिलने की उम्मीदें बढ़ गई हैं।
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वैसे, केंद्र सरकार के मंत्रिमंडल में बिहार की भागीदारी बढ़ने के बाद से ही यहां के लोगों की उम्मीद बढ़ी थी और जब विभागों का बंटवारा हुआ तब भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यहां के लोगों को निराश नहीं किया और बिहार के मंत्रियों को अहम जिम्मेदारी सौंप दी।
बिहार के आठ सांसदों को मंत्री बनाया गया है, जिसमें से कृषि संपन्न राज्य बिहार को खाद्य प्रसंस्करण और डेयरी विकास से काफी उम्मीदें बंधी हैं। लोजपा (रामविलास) के प्रमुख चिराग पासवान को खाद्य प्रसंस्करण उद्योग विभाग की जिम्मेदारी सौंपी गई है। बिहार में लीची, मखाना, आम, मक्का, आलू का उत्पादन काफी होता है, लेकिन किसानों को अपने उत्पाद का सही मूल्य नहीं मिल पाता है। ऐसे में अब लोगों, खासकर इससे जुड़े किसानों, की उम्मीद बढ़ी है। लोगों का मानना है कि अगर सही लक्ष्य लेकर काम किया जाए तो इसके जरिये न सिर्फ प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से प्रदेश में रोजगार बढ़ेगा बल्कि प्रदेश का विकास भी हो सकेगा।
जदयू के पूर्व अध्यक्ष और मुंगेर से सांसद राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह को भी पंचायती राज के अलावा मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी की जिम्मेदारी सौंपी गई है। कृषि प्रधान और नदियों वाले इस राज्य को उनसे भी काफी उम्मीदें हैं। बिहार में पशुपालन एक परंपरा रही है। डेयरी का विकास कर यहां के पशुपालकों को आर्थिक संपन्न बनाया जा सकता है। बिहार में मत्स्य पालन का भी बहुत बड़ा क्षेत्र है। बिहार अब तक मछली उत्पादन में आत्मनिर्भर नहीं बन सका है। इन दोनों क्षेत्रों में बिहार सरकार ने कई बड़े काम किए हैं। केंद्र का सहयोग और सुखद परिणाम दे सकता है।
प्रत्येक वर्ष बाढ़ की मार झेलने वाले बिहार के लिए जल शक्ति मंत्रालय से भी काफी कुछ करने की उम्मीद है। जल शक्ति राज्य मंत्री के रूप में राजभूषण चौधरी की भूमिका खेती-किसानी की बेहतरी से जुड़ी है। पहली बार लोकसभा पहुंचे गया के सांसद जीतन राम मांझी को सूक्ष्म और लघु उद्योग की बड़ी जिम्मेदारी सौंपी गई है। बिहार उद्योग के मामले में काफी पीछे रहा है। ऐसे में बिहार में सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योग की बहुत संभावनाएं है। लोगों का मानना है कि स्थानीय स्तर पर ऐसे उद्योगों की स्थापना कर लोगों को रोजगार उपलब्ध कराया जा सकता है।
भाजपा के दिग्गज नेता और बेगूसराय सांसद गिरिराज सिंह को कपड़ा उद्योग मंत्रालय का दायित्व सौंपा गया है। भागलपुर सिल्क, हैंडलूम की बेहतरी के लिए और मिल या टेक्सटाइल पार्क जैसे जरूरी साधनों को उपलब्ध कराकर यहां रोजगार के साधनों को बढ़ाकर बिहार को पटरी पर लाया जा सकता है। सतीश चंद्र दुबे को भी कोयला और खान राज्य मंत्री और रामनाथ ठाकुर को कृषि और किसान कल्याण राजयमंत्री का दायित्व सौंपा गया है। पिछली बार की तरह नित्यानन्द राय को गृह राज्यमंत्री की जिम्मेदारी सौंपी गई है। ऐसे में बिहार को इनसे भी बड़ी उम्मीदें हैं।
--आईएएनएस
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