पटना। बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने शनिवार को कहा कि वह आवंटित सरकारी बंगले को लेकर सर्वोच्च न्यायालय के फैसले का सम्मान करते हैं। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि वह सरकार की गलत नीतियों के कारण अदालत गए थे और इस बाबत बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से कई सवाल भी पूछे। पूर्व उपमुख्यमंत्री ने शनिवार को जारी एक बयान में कहा कि सरकारी आवास मामले में अदालत के निर्णय का सम्मान करता हूं। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
सरकार की गलत नीतियों के खिलाफ अदालत गया था। नेता प्रतिपक्ष के नाते उसी श्रेणी के बंगले का अभी भी पात्र हूं जो अभी आवंटित है। मेरी लड़ाई सरकार के मनमाने तरीकों के खिलाफ थी। कानूनी दायरे में जो लड़ाई लडऩी थी, हमने लड़ी है और अभी भी सरकार के अनैतिक, पक्षपातपूर्ण और मनमाने रवैये के खिलाफ लोकतांत्रिक लड़ाई लड़ते रहेंगे।
राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नेता ने कहा कि मुझे आवंटित आवास नीतीश के मुख्यमंत्री आवास से सटा हुआ था और उन्हें यह गंवारा नहीं था कि हम उनके बगल में रहें। क्योंकि हमारे आवास का द्वार 24 घंटों गरीब जनता के लिए खुला रहता है और नैतिक बाबू को वहां आने वाली भीड़ से नफरत है। जनता से कटे हुए नेता की यह नफरत स्वाभाविक भी है।
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