पटना। बिहार की राजनीति में एक बार फिर सरगर्मी बढ़ गई है। राजद नेता और पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने कांग्रेस के नेताओं के साथ बैठक के बाद बड़ा सियासी बयान देते हुए कहा कि "जनता ने मूड बना लिया है कि अब NDA से मुक्ति पानी है।"
तेजस्वी ने यह बयान उस बैठक के बाद दिया, जिसमें कांग्रेस और RJD नेताओं ने संयुक्त रूप से बिहार के भविष्य की दिशा तय करने के लिए रणनीति बनाई।
तेजस्वी यादव ने साफ किया कि यह महज एक बैठक नहीं थी, बल्कि बिहार के युवाओं, किसानों और आम लोगों की समस्याओं को सुलझाने के लिए विपक्ष की एकजुटता का मंच था। उन्होंने कहा कि चर्चा का केंद्र रहा- बेरोजगारी, बढ़ता अपराध, बिहार से हो रहा पलायन और आगामी विकास की रूपरेखा। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
तेजस्वी का यह बयान चुनावी रणनीति का एक संकेत है। यह साफ झलकता है कि विपक्ष अब सिर्फ मोदी सरकार या नीतीश सरकार की आलोचना तक सीमित नहीं रहना चाहता, बल्कि ‘विजन’ आधारित राजनीति की बात कर जनता को विश्वास में लेना चाहता है।
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि तेजस्वी यादव के इस बयान के पीछे दो उद्देश्य हैं एक, विपक्षी एकता को मजबूती देना; दूसरा, युवा मतदाताओं के बीच एक ‘बदलाव’ की उम्मीद जगाना।
उन्होंने बेरोजगारी और पलायन जैसे मुद्दों को उठाकर भाजपा-जदयू गठबंधन को सीधे कटघरे में खड़ा कर दिया है।
बिहार की राजनीति में यह बयान सिर्फ सत्ता विरोधी लहर को हवा देने का प्रयास नहीं, बल्कि 2025 के विधानसभा चुनावों की बुनियाद रखने का शुरुआती कदम भी माना जा रहा है। ऐसे में देखना दिलचस्प होगा कि NDA इस चुनौती का क्या जवाब देता है।
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