पटना। बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने बुधवार को राजद सहित अन्य विपक्ष के 10 लाख लोगों को नौकरी देने के वादे को ढपोरशंखी बताते हुए कहा कि वास्तव में 10 लाख लोगों को सरकारी नौकरी दिया जाए तो राज्य के खजाने पर 58,415.06 करोड़ रुपये का अतिरिक्त बोझ पड़ेगा। उन्होंने कहा कि इसके अलावा पूर्व से कार्यरत 12 लाख से ज्यादा कर्मियों के वेतन मद में होने वाले खर्च 52,734 करोड़ को इसमें जोड़ लें तो यह राशि करीब 1,11,189 करोड़ रुपये होती है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
उन्होंने सवाल करते हुए कहा, "जब विपक्ष वेतन पर ही बजट का अधिकांश भाग खर्च करेगा, तो फिर पेंशन, छात्रवृत्ति, साइकिल, पोशाक, मध्याह्न् भोजन, कृषि अनुदान, फसल सहायता, पुल-पुलिया, सड़क, बिजली आदि तमाम योजनाओं के लिए पैसे कहां से आएंगे?"
उन्होंने आंकड़ों के द्वारा तर्क देते हुए कहा कि वर्तमान में बजट का आकार 2,11,761 करोड़ का है, अगर वेतन में ही 1 लाख 11 हजार करोड़ रुपये खर्च होगा तो फिर ब्याज, पुराने कर्ज के भुगतान सहित अन्य 1,28,979 करोड़ के प्रतिबद्ध व्यय के लिए राशि कहां से आएगी?
मोदी ने कहा कि विपक्ष के झूठे वायदों के अनुसार, अगर 1.25 लाख चिकित्सक और 2.50 लाख पारा मेडिकल स्टाफ की नियुक्ति होती है तो वेतन पर 22,270.95 करोड़ रुपये खर्च होगा। 2.50 लाख शिक्षकों व 50 हजार कॉलेज शिक्षकों की नियुक्ति पर वेतन मद में 20,352.66 करोड़, 95 हजार पुलिस की बहाली पर 3604.22 करोड़, इंजीनियर (जेई) के 75 हजार पदों की बहाली पर 5,780.43 करोड़ व दो लाख अनुसेवकों की नियुक्ति पर वेतन मद में सालाना 6,406.80 करोड़ रुपये यानी कुल 58,415.06 करोड़ का खर्च आएगा।
उन्होंने कहा कि दरअसल झांसा देकर वोट लेने के मकसद से विपक्ष मतदाताओं से ऐसा वायदा कर रहा है, जिसे वह कभी पूरा ही नहीं कर पाएगा। (आईएएनएस)
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