जदयू के एक नेता ने कहा, जदयू की धर्मनिरपेक्ष छवि को सीएए के समर्थन के
साथ गंभीर रूप से खतरा था। पार्टी राजद और कांग्रेस को बिहार में 17 फीसदी
मुस्लिम वोटों का एकमात्र दावेदार बनने का मौका नहीं दे सकती।
राजनीति के
जानकार और पटना के वरिष्ठ पत्रकार संतोष सिंह भी कहते हैं कि पीके एक कुशल
रणनीतिकार माने जाते हैं, जिसे किशोर ने साबित भी किया है, जिसका लाभ नीतीश
उठाना चाहते है। उन्होंने कहा कि इसके अलावा पीके के संबंध सभी दलों के
साथ रहे हैं। नीतीश को मालूम है कि जब भी उन्हें भाजपा से अलग होकर
वैकल्पिक राजनीति की जरूरत होगी, तब पीके के उन्हीं संबधों की खास जरूरत
होगी, ऐसे में पीके नीतीश की जरूरत बने हुए हैं।
प्रशांत किशोर नीतीश को भी
जदयू की धर्मनिरपेक्ष छवि की याद दिलाते रहे हैं। पीके के अलावा पवन वर्मा
और गुलाम रसूल बलयावी भी सीएए का समर्थन करने को लेकर पार्टी नेतृत्व के
खिलाफ बयान दे चुके हैं, पार्टी नेतृत्व ने फिर भी कोई कार्रवाई नहीं की।
(IANS)
तेजस्वी की सभा में चिराग के परिवार के खिलाफ बोले गए अपशब्द का वीडियो वायरल, रिएक्शन भी मिला
मतदान से पहले अनिल बलूनी और पौड़ी गढ़वाल की जनता को पीएम मोदी का खत, दिया खास संदेश
भाजपा भ्रष्टाचारियों का गोदाम, गाजियाबाद से गाजीपुर तक होगा सफाया- अखिलेश यादव
Daily Horoscope