पटना। बिहार में नदियों का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है, जिससे राज्य के कई क्षेत्रों में खतरे की घंटी बज चुकी है। गंगा नदी ने 2016 का रिकॉर्ड तोड़ दिया है और अब 2021 के रिकॉर्ड को भी पार करने की कगार पर है। मरीन ड्राइव पाथवे को पार करते हुए गंगा का पानी कई घाटों और इलाकों के घरों में घुस चुका है। बूढ़ी गढ़क, गंगा और पुनपुन नदियों का जलस्तर भी लगातार बढ़ रहा है, जिससे नदी किनारे बसे गांवों और शहरी क्षेत्रों में स्थिति अत्यधिक गंभीर हो गई है।
ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
लोग जलमग्न हो चुके हैं, और उनके सामने अब विस्थापन का संकट खड़ा है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार इस स्थिति पर लगातार नजर बनाए हुए हैं और हवाई सर्वेक्षण भी कर रहे हैं, लेकिन जमीनी हालात बेहद खराब हैं। लोगों को अभी तक किसी भी सरकारी सहायता या अनुदान की घोषणा नहीं की गई है, जिससे जनता में गुस्सा और असहायता की भावना व्याप्त है।
यह विपदा की घड़ी है, और सरकारी तंत्र की धीमी प्रतिक्रिया ने लोगों की समस्याओं को और बढ़ा दिया है। घरों में पानी घुसने से लोगों को समझ नहीं आ रहा कि वे कहां जाएं और क्या करें, जबकि प्रशासन की ओर से कोई ठोस मदद नहीं मिल रही है।
सीएम-डिप्टी सीएम सिर्फ तकनीकी शब्द, हमें विश्वास है कि सरकार में शामिल होंगे शिंदे: देवेंद्र फडणवीस
भारतीय शेयर बाजार हरे निशान में बंद, आरबीआई मौद्रिक नीति समिति के फैसले पर निगाहें
संभल का सच बाहर न आए इसलिए पूरी रणनीति के तहत रोका जा रहा है : अवधेश प्रसाद
Daily Horoscope