पटना। राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नेता तेजस्वी यादव ने रविवार को बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर तंज कसते हुए कहा कि मुख्यमंत्री ने नोटबंदी का समर्थन किया था, लेकिन वही अब उस पर सवाल उठा रहे हैं और जल्द ही वह नोटबंदी को भारत का सबसे बड़ा घोटाला करार देंगे। नीतीश कुमार ने बहुचर्चित नोटबंदी के कदम से आम जनता को कोई फायदा न होने को लेकर सवाल उठाया था और बैंकों पर निशाना साधते हुए आरोप लगाया था कि उन्होंने कथित रूप से अमीर व्यक्तियों की उनके पैसे बदलने में मदद की। इसके एक दिन बाद तेजस्वी का यह बयान आया है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
केंद्र सरकार ने 8 नवंबर, 2016 को अचानक रात 8 बजे 500 और 1000 के नोटों पर प्रतिबंध लगा दिया था और तीन दिन बाद बदले में 2000 के नोटों से हर शहर के कुछ एटीएम को भरवा दिया था। काफी मशक्कत से मिले उन गुलाबी नोटों को लेकर लोग छुट्टा कराने के लिए परेशान रहे। बाद में एटीएम छोटे आकार के 500 के हरे नोट भी उगलने लगी। तब थोड़ी राहत मिली। उस दौरान बैंकों के आगे कतार में घंटों खड़े-खड़े देशभर में लगभग सवा सौ बुजर्गों की मौत हो गई, लेकिन उन मौतों पर प्रधानमंत्री से लेकर किसी मंत्री ने एक शब्द नहीं कहा।
लोग सोच रहे थे कि इतने कष्ट और कुर्बानियों के बावजूद देश से भ्रष्टाचार मिट जाएगा, इसका उन्हें फायदा मिलेगा। लेकिन बैंकों में ही भ्रष्टाचार शुरू हो गया, बाद में कई घोटाले उजागर होने लगे, तब लगने लगा कि नोटबंदी का कोई फायदा नहीं हुआ, बल्कि नुकसान ही हुआ। यही वजह है कि भाजपा नोटबंदी को अब अपनी उपलब्धिबताना छोड़ चुकी है।
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