पटना। चुनाव आयोग ने बिहार विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान कर दिया है। 28 अक्टूबर से 7 नवंबर तक तीन चरणों में वोट डाले जाएंगे। लेकिन अब तक मुख्य रूप से दो प्रतिद्वंदी गठबंधनों में सीट बंटवारे को लेकर स्थिति साफ नहीं हुई है। विपक्षी दलों के राष्ट्रीय जनता दल (राजद) नेतृत्व वाले महागठबंधन में प्रमुख घटक दल राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (रालोसपा) ने तो तेजस्वी यादव के नेतृत्व पर ही सवाल उठा दिए हैं, तो राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग ) में भी जदयू और लोजपा कई मुद्दों को लेकर आमने-सामने हैं। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
पिछले चुनाव से इस चुनाव में परिस्थितियां बदली हुई हैं। कई दलों के गठबंधन बदलने से उसके 'निजाम' बदल गए हैं। महागठबंधन में शामिल रालोसपा के प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा ने राजद के नेतृत्वकर्ता और राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद के उतराधिकारी तेजस्वी यादव के नेतृत्व पर ही प्रश्न खड़ा कर दिया है।
रालोसपा ने गुरुवार को पार्टी की बैठक बुलाई थी जिसमें स्पष्टता से कहा गया है कि महागठबंधन में राजद के एकतरफा फैसले लेने के कारण महागठबंधन में शामिल दलों में नेतृत्व को लेकर भी मतभिन्नता बरकरार है। बैठक में सीट बंटवारे को लेकर भी अभी तक अनिश्चितता की स्थिति बनी हुई है।
पूर्व केंद्रीय मंत्री कुशवाहा ने बैठक में तेजस्वी के नेतृत्व पर सवाल उठाते हुए कहा कि ऐसे नेतृत्व में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को रोक पाना आसान नहीं है। उन्होंने कहा कि अभी जो चेहरा है वह नीतीश कुमार के सामने कहीं नहीं टिकता।
इधर, महागठबंधन में सीट बंटवारा नहीं होने के कारण विकासशील इंसान पार्टी नाराज बताई जा रही है। वैसे, महागठबंधन में वामपंथी दलों के शामिल होने के प्रयास चल रहे हैं।
इधर, उपेंद्र कुशवाहा द्वारा तेजस्वी के नेतृत्व पर सवाल उठाए जाने पर राजद का कोई नेता कुछ भी खुलकर नहीं बोल रहा। हालांकि राजद के एक नेता ने नाम नहीं प्रकाशित करने की शर्त पर कहा कि किसी को कहीं जाना होगा, तो उसे रोका नहीं जा सकता, लेकिन कुल मिलाकर यह विवाद सीटों की हिस्सेदारी को लेकर है।
इधर, राजग में भी अभी बंटवारे को लेकर मामला अधर में लटका है। राजग के प्रमुख घटक दल लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) और जदयू के बीच काफी दिनों से मनमुटाव चल रहा है। लोजपा के प्रमुख चिराग पासवान लगातार मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के कायरे पर सार्वजनिक रूप से प्रश्न उठा रहे हैं, जिससे जदयू के नेता भी गाहे-बगाहे लोजपा पर निशाना साधती रही है।
इस बीच लोजपा ने 143 सीटों पर तैयारी करने की बात कहकर राजग से दूरी बना ली। राजग सूत्रों का कहना है कि गुरुवार को भाजपा ने लोजपा को 25 सीट देने के संदेश दिए हैं। उल्लेखनीय है कि लोजपा पहले ही स्पष्ट कर चुकी है कि उनका गठबंधन भाजपा से है।
इधर, जदयू के नेता और बिहार के मंत्री जय कुमार सिंह कहते हैं कि गठबंधन को लेकर कोई भ्रम नहीं है। गठबंधन अटूट है। उन्होंने दावा करते हुए कहा कि दो से तीन दिनों के अंदर सीट बंटवारा हो जाएगा।
इधर, भाजपा के प्रवक्ता निखिल आनंद कहते हैं कि भाजपा कार्यकर्ता वाली पार्टी है। भाजपा चुनाव आयोग के सभी आदेशों का पालन करेगी। उन्होंने कहा कि भाजपा के कार्यकर्ता भाजपा के उम्म्ीदवार को जीताने का काम करेंगे ही, जहां भाजपा के प्रत्याशी नहीं होंगे वहां घटक दल के प्रत्याशी को जीताने का कार्य करेंगे।
उल्लेखनीय है कि 2015 में जो विधानसभा चुनाव हुए थे उसमें राजग में भाजपा, लोजपा, रालोसपा और हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा शामिल थे, वहीं महागठबंधन में जदयू, राजद और कांग्रेस शामिल थी।
पिछले चुनाव में भाजपा को 53, लोजपा को 2, रालोसपा को 2 और हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (हम) को 1 सीटें मिली थी। महागठबंधन में जदयू के 71 प्रत्याशी विजयी हुए थे जबकि राजद 80 और कांग्रेस 27 सीटें जीती थी।
--आईएएनएस
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