रांची। राजष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के अध्यक्ष बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव को चारा घोटाले से जुडा दुमका ट्रेजरी मामले में 14 साल की सजा सुनाते हुए सीबीआई कोर्ट ने उनके खिलाफ बेहद सख्त टिप्पणियां की। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
कोर्ट ने कहा कि राजनीति में आने के बाद लालू यादव ने भ्रष्टाचार की धारा खोल दी। उनकी पार्टी आरजेडी ढेर सारे अवैध तरीके से कमाए गए पैसों से बनी। लालू यादव को 14 साल की जेल की सजा सुनाते हए (दो मामलों में 7-7 साल की अलग सजा) सीबीआई जज शिवपाल सिंह ने कहा कि लालू ने राजनीति में आते ही भ्रष्टाचार की धारा खोल दी और भ्रष्ट अधिकारियों को सुरक्षा दी। जज ने आगे कहा कि राज्य में सरकारी अधिकारियों को पूरी तनख्वाह नहीं मिली और उन्हें मजबूरन आधी तनख्वाह पर काम करना पडा।
उन्होंने कहा, ‘आरोपी ने अवैध स्रोतों से ढेर सारा धन कमाया और एक क्षेत्रीय पार्टी खडी कर डाली, जिसके सर्वेसर्वा लालू प्रसाद यादव खुद बन गए।’ कोर्ट ने कहा, ‘भारतीय संविधान की शपथ लेने के बावजूद लालू ने कभी भी इसकी शुचिता को बना के नहीं रखा।’ कोर्ट ने लालू को दुमका चारा घोटाले के अंतर्गत सजा सुनाई है।
जज ने कहा कि लालू प्रसाद यादव ने कई जिलों से ट्रेजरी से सरकारी धन को गलत ढंग से निकाला और खर्च किया और जिन लोगों ने इसमें उनका साथ दिया उनको गलत तरीके से प्रोटेक्शन दिया। सजा सुनाते हुए जज ने उन्हें बेईमानी, जालसाजी, आपराधिक षड्यंत्र के मामले में 7 साल की और लोक सेवक के रूप में भ्रष्टाचार करने के आरोप में 7 साल यानी कि कुल 14 साल की सजा सुनाई। दोनों सजाए एक के बाद एक काटनी होगी। विशेष अदालत के अनुसार दोनों सजाए एक साथ नहीं चलेंगी। इसके अलावा उन पर 30 लाख का जुर्माना भी लगाया है। जुर्माना अदा नहीं करने की स्थिति में एक वर्ष की साधारण सजा और काटनी होगी।
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