पटना। बिहार में अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं। ऐसे में जदयू चुनाव को लेकर अपनी रणनीति बनाने में लगी है। जदयू इस क्रम में बूथों पर ज्यादा जोर दे रही है। जदयू उन संभावित विधानसभा क्षेत्रों पर बूथों को मजबूत करने में जुट गई है, जहां वह चुनाव लड़ने की तैयारी में है। जदयू ऐसे चयनित विधानसभा सीटों के सभी बूथों पर कम से कम पांच से दस कार्यकर्ताओं की पहचान कर उनमें से कुछ को बूथ प्रभारी की जिम्मेदारी सौंपेगी।
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सभी प्रभारियों को प्रशिक्षित करने की भी योजना बनाई गई है। इन चयनित कार्यकर्ताओं और बूथ प्रभारी को पहले कार्यकर्ता के रूप में मान्यता दी जाएगी।
बताया जा रहा है कि इनका संपर्क सीधे प्रदेश मुख्यालय से होगा। यही नहीं, यदि प्रदेश के पदाधिकारी से लेकर जिला इकाई के पदाधिकारी भी किसी क्षेत्र का दौरा करने पहुंचेंगे तो वे संबंधित बूथ प्रभारियों के संपर्क में रहेंगे। पार्टी स्तर पर होने वाले कार्यक्रमों में भी इनकी भागीदारी सुनिश्चित की जाएगी।
अगर बूथ प्रभारी के इलाके में कोई प्रदेश स्तरीय अधिकारी पहुंचेगा तो उसे भी बूथ प्रभारी से मुलाकात करनी होगी। पार्टी का मानना है कि इससे बूथ स्तर पर कार्यकर्ताओं का मनोबल ऊंचा होगा। जदयू अपने बूथ प्रभारियों के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम का भी आयोजन करेगी।
प्रशिक्षण कार्यक्रम प्रखंड, अनुमंडल और जिलास्तर पर आयोजित होगा। पिछले दिनों दिल्ली में आयोजित पार्टी की राष्ट्रीय कार्यसमिति की बैठक में साफ तौर पर कहा गया है कि कार्यकर्ता ही पार्टी की रीढ़ होते हैं। इस कारण उनका मनोबल ऊंचा रखते हुए कार्य करने का अधिकारियों को निर्देश दिया गया है।
इससे पार्टी के प्रदेश कमेटी को बूथ स्तर की राजनीति की खबर भी मिलती रहेगी। बूथ प्रभारियों से लगातार संपर्क के लिए जदयू की ओर से राज्य और जिला स्तर के किसी एक पदाधिकारी को इस काम की विशेष जिम्मेदारी दी जाएगी।
--आईएएनएस
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