पटना। नीति आयोग के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) अमिताभ कांत ने जब देश के पिछड़े होने के लिए बिहार, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ जैसे राज्यों को जिम्मेदार ठहराया, तब बिहार में सत्ताधारी जनता दल (युनाइटेड) बिफर उठा और मुख्य विपक्षी राष्ट्रीय जनता दल ने भी तंज कसा। राजद नेता और पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव ने कहा कि कांत के बयान से साफ है कि नीति आयोग के अधिकारी देश की सामाजिक, आर्थिक जमीनी हकीकत से एकदम अनजान हैं। यही कारण है कि नीति आयोग ने चार साल में सिर्फ बहानेबाजी और समस्याएं गिनाने के अलावा और कुछ नहीं किया है। उन्होंने कहा, नीति आयोग ने एक तरह से नीतीश कुमार के बिहार मॉडल की धज्जियां उड़ा दी हैं, वहीं मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ में तो 15 साल से भाजपा की सरकारें हैं। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
यादव ने कहा, बिहार और बिहारी बराबर टैक्स देते हैं। राष्ट्र निर्माण में बराबर हिस्सेदारी रखते हैं। राजग को बिहार ने 33 सांसद दिए हैं, जिसमें सात केंद्रीय मंत्री बिहार से हैं। केंद्र और बिहार में एक ही गठबंधन की सरकार है। उन्होंने कहा कि नीति आयोग के इस बयान पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को सामने आकर स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए। उधर, जद (यू) के प्रवक्ता और विधान पार्षद नीरज कुमार ने कहा कि सभी क्षेत्रों के समान विकास से ही देश का संपूर्ण विकास हो सकता है। इस असमान विकास के लिए कौन जिम्मेवार है? जद (यू) ने कहा कि भारत के पिछड़े रहने के लिए राज्य नहीं, बल्कि ऐतिहासिक कारण जिम्मेवार हैं। उन्होंने कहा, पिछड़े राज्य की सूची में शामिल होने के बावजूद बिहार लगातार पिछले 12 वर्षो से विनिर्माण क्षेत्र की विकास दर में राष्ट्रीय औसत से आगे रहा है। मानव विकास सूचकांक एक चुनौती है।
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