पटना । बिहार में अब निजी मेडिकल कॉलेजों में पढ़ाई
करने वाले छात्रों को एक बड़ा तोहफा दिया है। अब निजी मेडिकल कॉलेज में
पढ़ने वालों को पढ़ाई करने में कम राशि खर्च करनी पड़ेगी।
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बिहार में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में शुक्रवार को
मंत्रिमंडल की हुई बैठक में निजी मेडिकल कॉलेजों की आधी सीटों पर सरकारी
फीस पर ही पढ़ाई के प्रस्ताव को मुहर लगा दी है।
बैठक के बाद
पत्रकारों से चर्चा करते हुए अपर मुख्य सचिव बृजेश मेहरोत्रा ने बताया कि
मंत्रिमंडल की बैठक में कुल 27 एजेंडों पर मुहर लगाई गई है।
इस बैठक
में निजी मेडिकल कॉलेजों में छात्रों की पढ़ाई का अहम फैसला लिया गया।
इसके मुताबिक राज्य के सभी निजी मेडिकल पर नामांकन एवं अन्य शुल्क राज्य के
सरकारी मेडिकल कॉलेजों के लिए निर्धारित शुल्क के अनुरूप होगा।
उन्होंने
बताया कि राज्य के सभी सरकारी मेडिकल कॉलेजों में स्नातक, स्नातकोत्तर एवं
सुपरस्पेशियलिटी पाठ्यक्रमों में नामांकन के लिए नामांकन एवं अन्य शुल्कों
में एकरूपता के लिए नामांकन एवं अन्य शुल्कों का पुनर्निर्धारण तथा
राष्ट्रीय आयुर्विज्ञान आयोग, नई दिल्ली के प्रावधानों के अनुरूप निजी
चिकित्सा महाविद्यालय एवं डीम्ड विश्वविद्यालयों के स्नातक एवं स्नातकोत्तर
पाठ्यक्रमों के 50 प्रतिशत सीटों पर नामांकन एवं अन्य शुल्क सरकारी मेडिकल
कॉलेज के लिए निर्धारित शुल्क के अनुरूप किये जाने की स्वीकृति प्रदान की
गई है।
इससे राज्य के सरकारी चिकित्सा महाविद्यालयों में स्नातक
एवं स्नातकोत्तर पाठ्यक्रमों में नामांकन के लिए निर्धारित नामांकन एवं
अन्य शुल्कों में एकरूपता बनी रहेगी।
इसके अलावा दिव्यांग बच्चों को
पढ़ाने के लिए अलग से 270 शिक्षकों की नियुक्ति की जाएगी। इसके लिए 270 पद
सृजित करने के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई।
--आईएएनएस
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