पटना। लोकसभा चुनाव की आहट पाते ही बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार रूठे संगठनों को मनाने में जुट गए हैं। पिछले दो दिनों में उन्होंने आंगनबाड़ी सेविकाओं के संगठन और मुखिया, सरपंच के संगठनों से बातचीत की और उनकी समस्याओं के समाधान का आश्वासन दिया।
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माना जा रहा है कि लोकसभा चुनाव को लेकर नीतीश कुमार किसी संगठन को नाराज नहीं करना चाह रहे हैं। एक ओर जहां लगातार रोजगार देने को लेकर कार्य किए जा रहे हैं वहीं समस्याओं के समाधान के भी प्रयास तेज किए जा रहे हैं।
शनिवार को बिहार राज्य के आंगनबाड़ी सेविकाओं एवं सहायिकाओं के शिष्टमंडल ने मुलाकात की। आंगनबाड़ी सेविकाओं एवं सहायिकाओं ने अपनी समस्याएं मुख्यमंत्री के सामने रखीं। मुख्यमंत्री ने आंगनबाड़ी सेविकाओं एवं सहायिकाओं की समस्याओं को सुनने के बाद कहा कि आंगनबाड़ी सेवाओं में बेहतरी के लिए लगातार कदम उठाए गए हैं। आंगनबाड़ी सेविकाओं एवं सहायिकाओं के मानदेय में समय-समय पर वृद्धि की जाती रही है। आप सबने जो मांग की है, उसके आधार पर आंगनबाड़ी सेविकाओं एवं सहायिकाओं के मानदेय में सम्मानजनक वृद्धि की जाएगी।
उन्होंने हड़ताल अवधि में चयनमुक्त आंगनबाड़ी सेविकाएं एवं सहायिकायें को भी फिर से वापसी का आश्वासन दिया। मुख्यमंत्री से रविवार को मुखिया, उप मुखिया, वार्ड सदस्यों तथा सरपंच, उप सरपंच एवं पंचों के शिष्टमंडल ने शिष्टाचार मुलाकात की।
राज्य के मुखिया, उप मुखिया, वार्ड सदस्य तथा सरपंच, उप सरपंच एवं पंचों के शिष्टमंडल ने मुख्यमंत्री के सामने समस्याएं रखी। मुख्यमंत्री ने कहा कि 2005 में सरकार में आने के बाद पंचायती राज व्यवस्था को बेहतर किया गया। मुखिया, उप मुखिया, वार्ड सदस्य तथा सरपंच, उप सरपंच एवं पंच के मानदेय में सम्मानजनक वृद्धि की जायेगी।
--आईएएनएस
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