पटना । बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री
लालू प्रसाद यादव जल्द ही जेल से बाहर आ सकते हैं। बहुचर्चित चारा घोटाले
से जुड़े एक मामले में झारखंड उच्च न्यायालय ने उन्हें जमानत दे दी। यह
मामला दुमका कोषागार से 3.5 करोड़ रुपये की अवैध निकासी से जुड़ा है।
न्यायमूर्ति अपरेश कुमार सिंह ने शनिवार को सुनवाई के दौरान राष्ट्रीय जनता
दल (राजद) नेता को जमानत दे दी। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री को
दुमका, चाईबासा और देवघर कोषागार से करीब 1,000 करोड़ रुपये अवैध तरीके से
निकालने के मामले में दोषी ठहराया गया है और रांची में विशेष सीबीआई अदालत
ने उन्हें पहले ही चाईबासा में दर्ज दो और देवघर में एक मामले में जमानत दे
दी थी।
दुमका कोषागार मामले में जमानत मिलने के बाद, उन्हें जल्द ही जेल से रिहा किए जाने की संभावना है।
1991
से 1996 के दौरान, बिहार सरकार के पशुपालन विभाग के अधिकारियों ने कथित
तौर पर दुमका, चाईबासा और देवघर से पैसे निकाले थे। उस समय यादव बिहार के
मुख्यमंत्री थे।
वर्तमान में 72 वर्षीय यादव एम्स दिल्ली में अपना इलाज करा रहे हैं। उन्होंने पहले ही 42 महीने की जेल की अवधि पूरी कर ली है।
वह कथित तौर पर गुर्दे में गंभीर संक्रमण और फेफड़े में पानी के साथ 16 बीमारियों से पीड़ित हैं।
इससे पहले, उच्च न्यायालय ने लालू प्रसाद यादव को इस वर्ष 23 जनवरी को बेहतर उपचार के लिए दिल्ली स्थानांतरित करने की अनुमति दी थी।
जमानत के बाद, पार्टी ने एक बयान जारी किया, जिसमें अदालत को धन्यवाद दिया गया है।
पार्टी के शीर्ष नेतृत्व ने समर्थकों से कोविड प्रोटोकॉल का पालन करते हुए उनकी जमानत का जश्न मनाने की अपील की है।
--आईएएनएस
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