पटना। बिहार में बाढ़ का कहर अभी भी जारी है। 19 जिलों के प्रभावित इलाकों से बाढ़ का पानी भले ही कम हो रहा है, लेकिन लोगों की परेशानियां घट नहीं रही हैं। कई लोगों के घर टूट गए हैं तो कहीं सडक़ें टूट गई हैं, जिससे आवागमन अवरुद्ध हो गया है। राज्य के कई क्षेत्रों में अभी भी बाढ़ का पानी फैला हुआ है। बिहार में बाढ़ से 1.71 करोड़ से ज्यादा की आबादी प्रभावित है। बाढ़ की चपेट में आने से मरने वालों की संख्या प्रतिदिन बढ़ रही है। पिछले 24 घंटे के दौरान बाढ़ की चपेट में आने से 22 लोगों की मौत हो गई, जिससे बाढ़ से मरने वालों की संख्या बढक़र 440 तक पहुंच गई है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को बिहार के बाढग़्रस्त जिलों का हवाई सर्वेक्षण किया तथा बाढ़ के बाद चलाए जा रहे राहत और पुनर्वास कार्यो की समीक्षा की। इस दौरान बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी उनके साथ रहे। प्रधानमंत्री ने माना है कि बाढ़ से बिहार को काफी क्षति हुई है। प्रधानमंत्री ने तत्काल 500 करोड़ रुपये भेजने की बात कही है। उन्होंने कहा कि नुकसान के आकलन के बाद राशि और भेजी जाएगी। प्रधानमंत्री ने बाढ़ से जान गंवाने वालों के परिजनों को प्रधानमंत्री राहत कोष से दो-दो लाख रुपये बतौर मुआवजा देने तथा घायलों को 50-50 हजार रुपये की मदद देने की घोषणा की।
बिहार राज्य आपदा प्रबंधन विभाग के एक अधिकारी ने शनिवार को बताया, बाढग़्रस्त जिलों के प्रभावित इलाकों से अब बाढ़ का पानी उतर रहा है। अभी भी राज्य के 19 जिलों के 187 प्रखंडों की 1.71 करोड़ से ज्यादा की आबादी बाढ़ से प्रभावित है। बाढ़ की चपेट में आने से मरने वालों की संख्या में वृद्धि हो रही है। आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा शनिवार को जारी आंकड़े के मुताबिक, राज्य के विभिन्न क्षेत्रों में पिछले 24 घंटे के दौरान बाढ़ से 22 लोगों की मौत हुई है, जिस कारण बाढ़ से मरने वालों की संख्या 440 तक पहुंच गई है।
अररिया में सबसे ज्यादा 95 लोगों की मौत हुई है, जबकि किशनगंज में 24, पूर्णिया में नौ, कटिहार में 40, पूर्वी चंपारण में 32, पश्चिमी चंपारण में 36, दरभंगा में 30, मधुबनी में 28, सीतामढ़ी में 46, शिवहर में पांच, सुपौल में 16, मधेपुरा में 25, गोपालगंज में 20, सहरसा व खगडिय़ा में आठ-आठ, मुजफ्फरपुर में नौ, समस्तीपुर में दो तथा सारण में सात लोगों की मौत हुई है। आपदा प्रबंधन विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि राज्य बाढग़्रस्त क्षेत्रों में अब लोगों के शिविरों से वापस घर लौटने के कारण राहत शिविरों की संख्या कम की जा रही है।
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