पटना | बिहार में मुख्यमंत्री नीतीश
कुमार के चलाए दहेज और बाल विवाह विरोधी अभियान का असर अब राज्य के शहरों
से लेकर गांवों तक में देखने को मिल रहा है। दहेज और बाल विवाह के खिलाफ
ग्रामीण न केवल सामाजिक स्तर पर विरोध कर रहे हैं, बल्कि कई मामलों में
पुलिस को भी इसकी सूचना दे रहे हैं। इन कुरीतियों के खिलाफ आम लोगों में
भी जागरूकता बढ़ी है।
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वैशाली जिले के देसरी प्रखंड के चौनपुर नन्हकार गांव में गुरुवार
की रात दो नाबालिग बहनों की शादी मुखिया और ग्रामीणों के हस्तक्षेप से
रुकी। गांव के राम बाबू पासवान अपनी 15 वर्षीय और 13 वर्षीय दो पुत्रियों
की शादी दोगुने उम्र के लड़कों के साथ अपने घर पर ही कर रहे थे। इसकी
जानकारी गांव के लोगों को मिल गई। ग्रामीणों ने इसकी सूचना मुखिया सुबोध
ठाकुर को दी। मुखिया ने भी आगे बढ़कर बाल विवाह का विरोध किया और शादी रोकी
गई।
शादी रुकने के बाद चाइल्ड लाइन परामर्श केंद्र के सदस्यों ने
भी लड़कियों और उसके माता-पिता को समझाया। अब रामबाबू बालिग होने पर ही
लड़कियों की शादी करने की बात कर रहे हैं।
वैसे बिहार में यह कोई
पहला मामला नहीं है, जहां चाइल्ड लाइन और ग्रामीणों के हस्तक्षेप से बाल
विवाह रोके जा रहे हैं। इसी तरह कटिहार जिले के फलका के समलतियां गांव में
भी एक नाबालिग लड़की की शादी ग्रामीणों ने रोक दी।
पुलिस के
अनुसार, फलका के ठाकुरबाड़ी मंदिर में एक नाबालिग लड़की की शादी जबरन उससे
दोगुने उम्र के पुरुष (समस्तीपुर निवासी मदन सहनी) से करवाया जा रहा था,
जिसकी सूचना ग्रामीणों को मिल गई। ग्रामीणों ने तत्काल इसकी सूचना पुलिस को
दे दी। फलका थाना के सहायक अवर निरीक्षक फैयाज खान ने बताया कि दूल्हे और
उसके भाई को गिरफ्तार कर लिया गया है।
मुख्यमंत्री ने राज्य में
दहेज प्रथा एवं बाल विवाह के खिलाफ अभियान छेड़ते हुए दो अक्टूबर को घोषणा
की है कि इसको लेकर अगले साल 21 जनवरी को मानव श्रृंखला बनाई जाएगी।
नीतीश
ने कहा, "बापू के चंपारण सत्याग्रह के सौ साल पूरा होने के अवसर पर
शराबबंदी के बाद अब राज्य में बाल विवाह और दहेज प्रथा के खिलाफ बड़े
अभियान की शुरुआत की जा रही है, जो बापू के विचारों के प्रति हम लोगों की
प्रतिबद्धता का प्रतीक है।"
उन्होंने कहा कि दहेज एवं बाल विवाह एक
बड़ी सामाजिक कुरीति है, जिसे जड़ से मिटाना जरूरी है। बिहार में इन
कुरीतियों के खिलाफ अभियान चलाया जा रहा है तथा लोगों को इन कुरीतियों के
खिलाफ शपथ भी दिलाई जा रही है।
इससे पहले, पटना जिले के दनियांवा
क्षेत्र में एक नाबालिग लड़की से शादी करने पहुंचे उत्तर प्रदेश के 45
वर्षीय अधेड़ दूल्हे कृष्णा सिंह उर्फ तारण सिंह को उसके परिजनों के साथ
गिरफ्तार किया गया है। इस क्रम में पुलिस ने शादी कराने वाले दो एजेंटों
(दलालों) को भी गिरफ्तार किया है।
पटना जिले के ग्रामीण पुलिस
अधीक्षक ललन मोहन प्रसाद कहते हैं कि कई मौकों पर पुलिस को समय रहते सूचना
मिल जाती है, तो पुलिस आवश्यक कार्रवाई करती है। उन्होंने कहा कि लोगों में
जागरूकता आ रही है और लोग अब इसकी सूचना भी पुलिस को दे रहे हैं, यह अच्छी
पहल है।
पटना विश्वविद्यालय से सेवानिवृत्त प्रोफेसर भारती एस.
कुमार कहती हैं, "इन कुरीतियों को सरकार और कानून के दम पर नहीं मिटाया जा
सकता, इसके लिए आम लोगों को भी जागरूक होना होगा।"
सरकार द्वारा इन
सामाजिक कुरीतियों के खिलाफ चलाए गए अभियान की प्रशंसा करते हुए उन्होंने
कहा, "सरकार का यह प्रयास प्रशंसनीय है, लेकिन अभी इसके लिए बहुत कुछ किया
जाना बाकी है। लोगों को शिक्षित कर सामाज में व्याप्त ऐसी कई कुरीतियों को
खत्म किया जा सकता है।"
भारती कहती हैं कि ग्रामीण अगर ऐसी पहल कर रहे हैं, तो यह तय है कि अब कई जिंदगियां उजड़ने से बच जाएंगी।
आईएएनएस
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