पटना। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बिहार के कई जिलों में आई बाढ़ और अधिक बारिश को जलवायु परिवर्तन का कारण माना है। उन्होंने बुधवार को यहां कहा कि राज्य में कभी सूखा और कभी भारी बारिश जलवायु परिवर्तन के कारण है। महात्मा गांधी की 150वीं जयंती पर जल-जीवन-हरियाली अभियान की शुरुआत करते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा, "देश की आजादी में चंपारण सत्याग्रह की बड़ी भूमिका है। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के विचारों को जन-जन तक पहुंचाने के लिए अभियान चलाया जाएगा।" ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
उन्होंने कहा, "नई पीढ़ी को गांधीजी के विचारों की जानकारी देनी होगी। अगर कुछ युवा भी गांधीजी के विचारों को समझ गए तो समाज का बड़ा भला होगा। कुछ अपवादों को छोड़कर गांधीजी में हर किसी की आस्था है।"
नीतीश ने कहा, "जलवायु परिवर्तन के कारण बिहार में सूखा के लिए राहत कार्य चलाए जा रहे थे कि अचानक भारी बारिश से वर्तमान हालात बन गए। इस साल जुलाई में 12-13 जिलों में बाढ़ आई थी। बाद में गंगा नदी में जलस्तर बढ़ गया। ऐसे में अब अचानक हुई भारी बारिश की वजह से पटना के कई इलाकों में बाढ़ के हालात बन गए।"
उन्होंने कहा, "तालाब, नहर, कुंओं, पोखर से अवैध कब्जा हटाया जा रहा है। जल को लेकर पुरानी प्रथाओं को पुनर्जीवित करेंगे। सार्वजनिक कुंओं को भी ठीक किया जा रहा है।"
उन्होंने राज्य में गिरते भूजल स्तर पर चिंता जताते हुए कहा कि बारिश के पानी का संचय करना होगा, और हम लोगों ने निर्णय लिया है कि जल-जीवन-हरियाली शुरू किया जाएगा।
'जल-जीवन-हरियाली' के बारे में उन्होंने कहा, "इसके नाम में जल और हरियाली के बीच जीवन छिपा हुआ है। जल और हरियाली है तभी जीवन है। ऐसे में जल और हरियाली को बचाने की जरूरत है।"
उन्होंने कहा कि इस अभियान की औपचारिक शुरुआत पटना में कर दी गई है, और जिले के शेष क्षेत्रों में इसे 26 अक्टूबर को विधिवत शुरू किया जाएगा।
इस मौके पर राज्य के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी भी उपस्थित रहे।
--आईएएनएस
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