पटना। बिहार के उपमुख्यमंत्री और वित्त मंत्री सुशील कुमार मोदी ने इस साल पेश होने वाले केंद्रीय बजट में केंद्र सरकार से केंद्र प्रायोजित योजनाओं का आवंटन बढ़ाने और आयकर में छूट की सीमा बढ़ाने के सुझाव दिए हैं। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
राज्यों के वित्तमंत्रियों की केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली के साथ नई दिल्ली के विज्ञान भवन में गुरुवार को हुई बजट पूर्व बैठक में बिहार की ओर से वित्तमंत्री मोदी ने वित्तीय वर्ष एक अप्रैल की जगह एक जनवरी से शुरू करने, केंद्र प्रायोजित योजनाओं में केंद्रांश बढ़ाने, सभी तरह की सामाजिक पेंशन योजना की राशि में 500 रुपए की बढ़ोतरी करने, आयकर की सीमा बढ़ाने तथा आपदा राहत कोष से संबंधित अनेक सुझाव पेश किए।
मोदी ने आयकर की सीमा ढाई लाख से बढ़ाकर तीन लाख करने, 80सी के तहत आयकर छूट की सीमा लाख से बढ़ाकर दो लाख करने, आयकर से छूट के लिए 10 लाख की ग्रेच्युटी की सीमा को बढ़ा कर 20 लाख करने तथा बिहार में चल रही रेल परियोजनाओं और प्रधानमंत्री पैकेज की योजनाओं को समय से पूरा करने के लिए आगामी बजट में पर्याप्त आवंटन करने का सुझाव दिया।
उन्होंने केंद्र प्रायोजित योजनाओं, मसलन- मनरेगा, प्रधानमंत्री आवास व सड़क योजना व जीविका आदि में केंद्रांश बढ़ाने के साथ ही सड़कों की देखरेख पर अब तक जो 100 प्रतिशत राशि राज्य को खर्च करनी पड़ती है, उसके लिए 80 प्रतिशत राशि केंद्रांश द्वारा दिए जाने का सुझाव दिया।
मोदी ने बाढ़ और सुखाड़ सहित अन्य प्राकृतिक आपदाओं से प्रत्येक साल जुझने वाले बिहार के लिए आपदा प्रबंधन कोष को दोगुना करने के भी सुझाव रखे।
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