पटना। आरजेडी चीफ लालू प्रसाद यादव के खिलाफ बेनामी संपत्ति मामले में केंद्रीय एजेंसियों की ताबड़तोड़ छापेमारी के बाद बिहार में सियासी घमासान मचा हुआ है। ऐसे में बिहार बीजेपी ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को समर्थन का ऑफर दिया है। इस बयान के पीछे आशंका जताई जा रही है कि अभी तक नीतीश कुमार ने इस मामले पर चुप्पी नहीं तोड़ी है, लेकिन जेडीयू के वरिष्ठ नेता शरद यादव ने लालू के खिलाफ कार्रवाई के पीछे बीजेपी का हाथ बताया है। नीतीश कुमार मंगलवार को जेडीयू कार्यकारिणी की बैठक करने वाले हैं। इससे पहले बीजेपी के समर्थन का ऑफर देने से बिहार की सियासत में और हलचल मच गई है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
सीबीआई ने लालू प्रसाद व उनके परिवार के सदस्यों से जुड़े पटना, दिल्ली, रांची व गुरुग्राम के 12 ठिकानों पर शुक्रवार को छापेमारी की थी, इसके बाद से ही बिहार की राजनीति में सियासी घमासान मचा हुआ है। बिहार बीजेपी के चीफ नित्यानंद राय ने सोमवार को कहा कि अगर राज्य सरकार पर कोई संकट आता है तो बीजेपी बाहर से समर्थन को तैयार है। राय ने साथ ही मांग की कि सीएम नीतीश कुमार उप मुख्यमंत्री तेजस्वी को उनके पद से बर्खास्त कर दें। उन्होंने कहा, अगर तेजस्वी इस्तीफा नहीं देते हैं तो सीएम उन्हें बर्खास्त कर दें। तेजस्वी के खिलाफ मामला दर्ज हो चुका है। कोई भी कानून बेनामी संपत्ति रखने की इजाजत नहीं देती है। उन्होंने कहा कि बिहार का विकास जरूरी है। महागठबंधन में जेडीयू का रहना या नहीं रहना नीतीश पर निर्भर है। अगर राज्य की सरकार पर कोई संकट आता है तो हम बाहर से समर्थन के लिए तैयार हैं।
अगर केंद्रीय नेतृत्व का आदेश आया तो हम राज्य सरकार को गिरने नहीं देंगे और जरूर समर्थन करेंगे। साथ ही राय ने लालू पर निशाना साधते हुए कहा कि जब लालू सीएम बने थे तो उनके पास इतनी संपत्ति नहीं थी। उन्होंने कहा, बीजेपी का मानना है कि लालू ने किसानों और पशुपालकों की कमाई को अपने नाम कर लिया है। लालू यादव को बताना चाहिए कि उनके पास हजारों करोड़ की संपत्ति कहां से आई।
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