पटना। भाकपा (माले) के महासचिव दीपंकर भट्टाचार्य ने यहां शुक्रवार को कहा कि तीनों कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहे देशव्यापी किसान आंदोलन के खिलाफ भाजपा का अनर्गल प्रचार लगातार जारी है। उन्हांेने कहा कि अब भाजपा छोटे बनाम बड़े किसानों की बहस खड़ा करके आंदोलन को दिग्भ्रमित करने की कोशिश कर रही है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
भट्टाचार्य यहां एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि आगामी कई राज्यों में विधानसभा के चुनाव होने वाले हैं। उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल पर सबकी निगाहें टिकी हुई हैं। इन चुनावों में हम भाजपा विरोधी एक जोरदार राजनीतिक अभियान छेडेंगे।
उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि आज पूरे बिहार में राजनेता-प्रशासव व शराब माफियाओं के गठजोड़ के तहत शराब का अवैध कारोबार धड़ल्ले से जारी है। सरकार शराब माफियाओं पर कार्रवाई करने की बजाए गरीबों को परेशान कर रही है। उन्होंने कहा कि अपराध की घटनाओं में भी लगातार वृद्धि हो रही है।
भट्टाचार्य ने कहा, "तीन कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहे देशव्यापी किसान आंदोलन के खिलाफ भाजपा का अनर्गल प्रचार लगातार जारी है। अब भाजपा छोटे बनाम बड़े किसानों की बहस खड़ा करके आंदोलन को दिग्भ्रमित करने की कोशिश कर रही है। यह हर किसी को पता है कि भाजपा का छोटे व बटाईदार किसानों के प्रति क्या रूख है?"
उन्होंने आगे कहा कि इन किसानों को प्रधानमंत्री किसान सम्मान योजना का लाभ भी नहीं मिलता है। उन्होंने दावा करते हुए कहा कि बिहार ने भाजपा की इस चुनौती को स्वीकार किया है। यहां के छोटे-बटाईदार किसान उसी प्रकार से आंदोलन में उतरने लगे हैं, जैसे पंजाब के किसान आंदोलन में शामिल हैं।
उन्होंने कहा, "तीनों कृषि कानूनों को रद्द करने की केंद्रीय मांग के साथ-साथ एमएसपी को कानूनी दर्जा, एपीएमसी ऐक्ट की पुनर्बहाली और छोटे-बटाईदार किसानों को प्रधानमंत्री किसान योजना का लाभ प्रदान करना आदि मुद्दों के इर्द-गिर्द यहां के किसानों की गोलबंदी प्रारंभ हो गई है। 18 मार्च को एक बार फिर पटना की सड़क पर यह गोलबंदी दिखेगी।"
--आईएएनएस
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