पटना। बिहार में इस साल होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर विपक्षी 'महागठबंधन' अब चुनावी मोड में आ चुका है। राजधानी पटना में गुरुवार को गठबंधन की पहली औपचारिक बैठक हुई जिसमें सभी घटक दलों के नेता शामिल हुए। इसमें चुनाव की तैयारियों के लिए एक समन्वय समिति बनाने का फैसला किया गया, जिसका नेतृत्व विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव करेंगे।
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बैठक में कांग्रेस, राजद, भाकपा, माकपा, भाकपा (माले) और विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) ने हिस्सा लिया। सभी दलों के प्रतिनिधियों ने अपनी बात रखी। सर्वसम्मति से एक समन्वय समिति बनाने का निर्णय लिया गया, जिसमें सभी घटक दलों के प्रतिनिधि शामिल होंगे। राजद के नेता और पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव को इसका नेतृत्व करने की जिम्मेदारी दी गई है।
बैठक के बाद एक साझा संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कांग्रेस के बिहार प्रभारी कृष्णा अल्लावरु ने यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि बैठक में इस साल होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर लगभग सभी विषयों पर बातचीत हुई। चुनाव में प्रचार की रणनीति, न्यूनतम साझा कार्यक्रम बनाने, साझा घोषणा पत्र तैयार करने, अलग-अलग पार्टियों के संगठनों के बीच प्रदेश स्तर से लेकर प्रखंड स्तर पर समन्वय बनाने पर चर्चा की गई। उन्होंने बताया कि बैठक में मतदाता सूची को लेकर भी विशेष रूप से बातचीत हुई है।
तेजस्वी यादव ने कहा कि 'महागठबंधन' की बैठक में सभी घटक दलों के नेताओं ने बिहार के मुद्दों पर बात की। इसमें महिला, युवा, बुजुर्गों, पलायन, गरीबी, बेरोजगारी जैसे मुद्दों पर चर्चा की गई। बिहार में कानून-व्यवस्था की स्थिति पर भी बात की गई।
विकासशील इंसान पार्टी के प्रमुख मुकेश सहनी ने भ्रष्टाचार का मुद्दा उठाते हुए कहा कि भ्रष्टाचार को लेकर विपक्ष का संघर्ष जारी है। सत्तारूढ़ गठबंधन के नेता आज 20 साल पहले की चर्चा कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि 'महागठबंधन' अटूट है।
--आईएएनएस
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