पटना । बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश
कुमार इस समय अपराध से बुरी तरह प्रभावित राज्य में अपनी 2005 की सुशासन
बाबू (सुशासन नेता) की छवि को फिर से हासिल करने के लिए राज्यभर में 'समाज
सुधार अभियान' चला रहे हैं।
नीतीश कुमार, जो पिछले 16 वर्षो से राज्य पर शासन कर रहे हैं और अब
मुख्यमंत्री के रूप में अपने चौथे कार्यकाल में हैं, हाल ही में राज्य
विधानसभा चुनाव में तीसरे स्थान पर आने के बाद अपनी पार्टी जनता
दल-युनाइटेड में भी सुधार करने की कोशिश कर रहे हैं। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
सत्तारूढ़ जद
(यू) के वरिष्ठ नेताओं का मानना है कि राज्य पर शासन करने की चुनौती है,
खासकर 2020 के विधानसभा चुनावों में अपनी सहयोगी भाजपा की तुलना में बहुत
कम सीटें मिलने के बाद।
इसके अलावा, बढ़ते अपराध के मामलों ने नीतीश
कुमार की छवि को चोट पहुंचाई है, क्योंकि शराबबंदी को सख्ती से लागू करने
पर सरकार के ध्यान के कारण पुलिसकर्मी अन्य अपराधों से निपटने में असमर्थ
हैं।
मुख्यमंत्री ने पूर्वी चंपारण के मोतिहारी कस्बे से समाज सुधार
अभियान की शुरुआत की है और लोगों को शराब के सेवन या अपराध में शामिल होने
जैसी सामाजिक बुराइयों के प्रति जागरूक किया है। साथ ही उन्होंने प्रशासन
और पुलिस को आरोपितों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने का निर्देश दिया है।
अपर
मुख्य सचिव गृह ने पुलिस मुख्यालय को वांछित अपराधियों, गैंगस्टरों, बेल
जंपर्स, पैरोल जंपर्स की सूची तैयार करने, उनकी गिरफ्तारी के लिए छापेमारी
करने और उनके खिलाफ त्वरित सुनवाई करने का निर्देश दिया है।
--आईएएनएस
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