पटना। बिहार की पांच विधानसभा सीटों पर हुए उपचुनाव के नतीजों ने जहां सत्ताधारी राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) को झटका दिया है, वहीं महज पांच महीने पहले लोकसभा चुनाव में एक भी सीट न पाने वाले राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के लिए यह उपचुनाव 'संजीवनी' माना जा रहा है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
पांच सीटों पर हुए उपचुनाव में विपक्षी राजद सत्ताधारी जनता दल युनाइटेड (जदयू) से दो सीटें झटकने में कामयाब रहा।
इस साल हुए लोकसभा चुनाव में राजग को 40 में से 39 सीटों पर जीत मिली थी, जबकि राजद खाता भी नहीं खोल सका था, मगर इसके नेतृत्व वाले विपक्षी दलों के महागठबंधन में शामिल कांग्रेस प्रत्याशी मोहम्मद जावेद किशनगंज सीट जीतने में कामयाब रहे हैं।
बिहार में हुए उपचुनाव में बेलहर से राजद प्रत्याशी रामदेव यादव और सिमरी बख्तियारपुर से जफर आलम विजयी हुए हैं। जदयू ने नाथनगर सीट जीती। पार्टी उम्मीदवार लक्ष्मीकांत मंडल ने राजद की राबिया खातून को महज पांच हजार मतों के मामूली अंतर से हराया है।
राजनीति के जानकार भी मानते हैं कि इस उपचुनाव ने राजद को संजीवनी उपलब्ध कराई है।
राजनीतिक विश्लेषक सुरेंद्र किशोर कहते हैं, "बिहार उपचुनाव के परिणाम ने राजद को 'मनोवैज्ञानिक संजीवनी' तो उपलब्ध करा ही दी है, वहीं इससे राजद नेता तेजस्वी का कद भी बढ़ा है। दो सीटों पर जीत पार्टी के लिए 'कोरामिन' है। इससे कुछ दिनों तक राजद का हौसला बुलंद रहेगा।"
उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनाव में राजद की हार के बाद महागठबंधन में तेजस्वी का कद घटा था, मगर उपचुनाव में जीत से उनका जरूर बढ़ा है।
वैसे, इस उपचुनाव के नतीजे 2020 के विधानसभा चुनाव की दशा व दिशा कितनी तय करेंगे, इस पर अभी भी संदेह है। मगर इस उपचुनाव को अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव का 'सेमीफाइनल' जरूर माना जा रहा था।
उपचुनाव में विपक्षी दलों की एकता भले ही तार-तार होती रही, मगर राजद अपने निर्णय से पीछे नहीं हटा। नाथनगर विधानसभा सीट पर महागठबंधन में शामिल हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (हम) और सिमरी बख्तियारपुर सीट पर विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) ने राजद के खिलाफ अपना-अपना प्रत्याशी खड़े कर दिया। दोनों सीटों पर इन दोनों पार्टियों की हालांकि हार हुई। सिमरी बख्तियारपुर सीट राजद को मिली, जबकि नाथनगर सीट जदयू के खाते में गई।
पटना के वरिष्ठ पत्रकार मनोज चौरसिया भी मानते हैं कि लोकसभा चुनाव में महागठबंधन की हार के बाद से राजद नेता तेजस्वी की नेतृत्व क्षमता पर सवाल उठाए जाते रहे, अब उसमें कमी आएगी।
राजद के प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने कहा कि उपचुनाव के परिणाम जनता के बीच राजद की स्वीकार्यता बढ़ने और राजग का प्रभाव घटने का परिचायक हैं।
--आईएएनएस
लोकसभा चुनाव 2024 का पहला चरण - त्रिपुरा, सिक्किम में 80 फीसदी से ज्यादा मतदान, बिहार में 50 फीसदी से कम मतदान
राहुल की कप्तानी पारी, लखनऊ ने सीएसके को आठ विकेट से हराया
केन्या में भारी बारिश से 32 लोगों की मौत
Daily Horoscope