पटना। बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर प्रथम चरण के 28 अक्टूबर को होने वाले मतदान को लेकर कई युवा नेताओं के सियासी भविष्य भी दांव पर लगे हैं। प्रथम चरण में 28 अक्टूबर को 71 सीटों पर मतदान होना है। इस चरण में कई युवा ऐसे हैं, जिसके राजनीतिक भविष्य को मतदाता तय करेंगे। अंतर्राष्ट्रीय शूटर श्रेयसी सिंह ने जमुई से चुनावी मैदान में उतरकर अपने राजनीतिक सफर की शुरूआत की है। श्रेयसी भले ही खिलाड़ी रही हों लेकिन उनकी पारिवारिक पृष्ठभूमि राजनीतिक रही है। उनके पिता स्वर्गीय दिग्विजय सिंह केंद्रीय मंत्री रहे हैं जबकि उनकी मां पुतुल सिंह सांसद रही है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
पहले चरण में जिन सीटों पर मतदान होना है उसमें कहलगांव और सुल्तानगंज सीट भी शामिल है। इनमें कांग्रेस ने दो युवा चेहरों को चुनावी मैदान में उतारा है। कहलगांव से कांग्रेस के दिग्गज नेता सदानंद सिंह के पुत्र शुभानंद मुकेश का सियासी सफर दांव पर है वहीं सुल्तानगंज से युवक कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष युवा नेता ललन यादव भी चुनावी मैदान में है।
ललन की सुल्तानगंज में अच्छी पैठ है जबकि जातीय समीकरण भी इनके पक्ष में दिखाई दे रहा है। ललन कहते हैं कि उनका सभी वर्गो का समर्थन मिल रहा है। उन्होंने दावा करते हुए कहा कि युवा उनके साथ हैं। इधर, तारापुर विधानसभा क्षेत्र से युवा चेहरा दिव्या प्रकाश का भी सियासी भविष्य मतदाता करेंगे। दिव्या प्रकाश सांसद जयप्रकाश यादव की पुत्री हैं। इस चरण की सबसे युवा प्रत्याशी दिव्या प्रकाश की तो उम्र केवल 28 साल है और वो चुनावी समर में उतरी हैं। दिव्या पूर्व केंद्रीय मंत्री जयप्रकाश यादव की बेटी हैं और वो राज्य की तारापुर सीट से राजद की टिकट पर उम्मीदवार हैं। उनका कहना है कि युवा वर्ग उन्हें विधानसभा पहुंचाने का मन बना चुका है। प्रथम चरण का सोमवार को प्रचार समाप्त होने के बाद सभी युवा प्रत्याशी मतदाताओं के घर पहुंच रहे हैं और वोट मांग रहे हैं।
बिहार के चुनावी दंगल में राजग से सीधी टक्कर विपक्षी दल के महागठबंधन से मानी जा रही है। भाजपा के नेतृत्व वाले राजग जदयू, हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा, विकासशील इंसान पार्टी शामिल हैं। जबकि केंद्र में राजग की सहयोगी लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) यहां अलग होकर चुनाव मैदान में है। इधर, महागठबंधन में राजद, कांग्रेस और वामपंथी दल शामिल हैं। बिहार में विधानसभा की 243 सीटों के लिए तीन चरणों में चुनाव होना है। इसके तहत प्रथम चरण के लिए 28 अक्टूबर को 71 सीटों पर, दूसरे चरण के लिए तीन नवंबर को 94 सीटों पर और तीसरे चरण के लिए सात नवंबर को 78 सीटों के लिए मतदान होगा। वहीं वोटों की गिनती 10 नवंबर को होगी।
भाजपा के बागियों की भी होगी परीक्षा
बिहार में राजग से अलग हटकर चुनाव लड़ रही लोजपा के कई प्रमुख प्रत्याशियों की भी इसी दौर में परीक्षा होनी है। सबसे महत्वपूर्ण सीट दिनारा को माना जा रहा है, जहां से बिहार भाजपा के पूर्व उपाध्यक्ष राजेंद्र सिंह दल बदलकर लोजपा के सिंबल पर भाग्य आजमा रहे हैं। उनके सामने राज्य सरकार के मंत्री एवं जदयू के वरिष्ठ नेता जयकुमार सिंह हैं। सासाराम से भाजपा के पूर्व राष्ट्रीय मंत्री रामेश्वर चौरसिया को भी लोजपा ने टिकट थमा दिया है। पालीगंज सीट से लोजपा के टिकट पर लड़ रही पूर्व विधायक एवं भाजपा की पूर्व प्रदेश प्रवक्ता उषा विद्यार्थी को भी खुद को साबित और सत्यापित करना है। सासाराम में चौरसिया का मुकाबला जदयू के अशोक सिंह से है, जबकि पालीगंज में उषा का मुकाबला जदयू के राजदवद्र्धन यादव से है।
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