मांझी ने कहा कि वे नौ महीने तक मुख्यमंत्री रह चुके हैं। वह एक बेहतर
मुख्यमंत्री साबित हुए हैं। उनके कार्यकाल को और उनके द्वारा लिए गए फैसलों
को जनता याद करती है। उन्होंने कहा है यदि दोबारा मौका मिलता है तो वह
योग्य मुख्यमंत्री साबित होंगे। उन्होंने कहा कि जब तक दलित मुख्यमंत्री
नहीं होगा, तब तक दलितों का विकास नहीं होगा।
हिंदुस्तानी अवाम
मोर्चा में बात यहीं नहीं रुकती है। मांझी के पुत्र संतोष मांझी ने भी
शुक्रवार को मुख्यमंत्री पद पर अपनी दावेदारी ठोंक दी। उन्होंने अपनी तुलना
तेजस्वी और चिराग पासवान से करते हुए कहा कि उन दोनों को राजनीति विरासत
में मिली है। मगर मैं आज जहां पहुंचा हूं, गरीबों की लड़ाई लड़कर पहुंचा
हूं। उन्होंने कहा कि हमलोग गरीब, दुखियों के हक की लड़ाई लड़ते हैं। मैं भी पढ़ा-लिखा हूं। मैं क्यों नहीं मुख्यमंत्री बन सकता।
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