पटना | बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील
कुमार मोदी के कांग्रेस द्वारा अति पिछड़ा वर्ग के ठगने के आरोप को लेकर
कांग्रेस ने बुधवार को पलटवार करते हुए कहा कि अगर भाजपा अति पिछड़ा वर्ग
की इतनी शुभचिंतक है तो भाजपा को यह भी बताना चाहिए कि बिहार से राज्यसभा
में कितने अति पिछड़ों को भेजा है।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और प्रदेश युवक कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ललन
कुमार ने बुधवार को कहा कि पिछड़ा, अति पिछड़ा विरोधी भाजपा और उनके सुशील
मोदी को कांग्रेस पर टिप्पणी करने से पहले अपने गिरेबां में झांकना चाहिए
और बताना चाहिए कि क्यों नहीं किसी अति पिछड़े को केंद्रीय कैबिनेट का
हिस्सा बनाया है? उन्होंने सवालिया लहजे में कहा कि लोकसभा व राज्यसभा मे
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कुमार ने सुशील मोदी पर
निशाना साधते हुए कहा, "भाजपा नेता सुशील मोदी बिहार की पंचायतों व नगर
निकायों में अति पिछड़ों को मिलने वाले 20 प्रतिशत प्रतिनिधत्व (आरक्षण) को
35 से 40 फीसदी बढ़ाने की बात अखबारों एवं टेलीविजन के माध्यम से करते रहे
हैं, लेकिन भाजपा, जदयू की सरकार ने इसे बढ़ाने का काम नहीं किया।"
कुमार
ने आरोप लगाया कि चुनाव को ध्यान में रखकर वोट बैंक की राजनीति के तहत अति
पिछड़ों का नाम लेकर उनका वोट ठगने की कोशिश करने वाले सुशील मोदी को यह
भी बताना चाहिए कि मंडल कमीशन लागू करने वाली वी़ पी़ सिंह सरकार से भाजपा
ने समर्थन क्यों वापस लिया था। उन्होंने कहा कि मंडल कमीशन की लागू होते
हुए भाजपा नहीं देखना चाहती थी।
कांग्रेस नेता ने कहा, "पिछड़ा,
अति पिछड़ा विरोधी केंद्र सरकार ने दो वर्षो से राष्ट्रीय ओबीसी आयोग बनाकर
उसे सरकारी शोभा के लिए छोड़ दिया है।"
उल्लेखनीय है कि राज्य के
उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने भाजपा ओबीसी मोर्चा की बैठक में कहा था
कि राजद, कांग्रेस ने हमेशा अत्यंत पिछड़ा वर्ग को धोखा देने, दबाने, जमीन
हड़पने और प्रताड़ित करने का काम किया है।
--आईएएनएस
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